Madhya Pradesh Public Hearings: मध्य प्रदेश में आज मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया। जिसमें लोग अपनी-अपनी समस्याओं की गुहार लगाकर अधिकारियों के पास पहुंचे। इस दौरान अलग-अलग जिलों से बेहद हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई। कुछ जगह पीड़ित आंखों में काली पट्टी बांधकर पहुंचे तो कहीं पर कलेक्टर के पास अपनी पीड़ा बयान करने वाले ने कलेक्टर को ही नहीं पहचाना। वहीं एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या करने की भी कोशिश की। आइये जानते हैं किस जगह सुनवाई में कैसी घटनाएं देखने को मिली … 

आंखों पर काली पट्टी बांधकर अचानक कलेक्टर के सामने खड़ा हुआ शख्स

पवन राय, मंडला। जनसुनवाई के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति आंखों पर काली पट्टी बांधकर अचानक कलेक्टर के सामने खड़ा हो गया। यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष कोबिद ठाकुर था। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

कोबिद ठाकुर ने बताया कि अज्जू नंदा नाम के युवक को पुलिस ने पकड़ा और आरोप लगाया कि पुलिस ने राहुल उईके के घर से शराब जब्त की। लेकिन मामले को घुमा कर तलैया टोला के पुल पर ले जाकर शराब को एक वाहन में रखा गया। इसके बाद पूरी घटना को गलत तरीके से प्रस्तुत कर कांग्रेसियों को फंसाने की कोशिश की गई।

कोबिद ठाकुर ने कहा कि उन्हें फरार घोषित कर दिया, जबकि न तो पुलिस उनके घर पहुंची और न ही किसी प्रकार की पूछताछ की गई। इतना ही नहीं,  उन पर तीन हज़ार रुपये का इनाम तक घोषित कर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि यह सब कुछ एक सिंडिकेट के दबाव में किया जा रहा है ताकि कांग्रेस नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा सके।

उन्होंने मंडला पुलिस पर सीधे-सीधे आरोप लगाया कि जिले में खुलेआम शराब बेची जा रही है लेकिन पुलिस उस पर कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर टॉर्चर कर झूठे केस दर्ज कर रही है। 

कलेक्टर के सामने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने के बाद इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है… अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन को लगाए गए इन गंभीर आरोपों पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। फिलहाल इस घटना के बाद मंडला जिला प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं और जिले की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है।

पीड़ित से बोले दतिया कलेक्टर- मैं ही हूं साहब

रवि रायकवार, दतिया। कलेक्टोरेट में जनसुनवाई के दौरान हुआ मजेदार वाक्या देखने को मिला जहां पीड़ित बुजुर्ग कलेक्टर को ही नहीं पहचान पाए। हैरानी तब हुई जब कलेकटर को खुद को अफसर साबित करने के लिए कहना पड़ गया ‘मैं ही साहब हूं।’

दरअसल, वृद्धावस्था पेंशन समेत अन्य शिकायतें लेकर एक ग्रामीण पहुंचा था। वह कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े को चेहरे से नहीं पहचानता था। जिसकी वजह से उसने कलेक्टर को आवेदन देने से इंकार कर दिया और कहा, ‘साहब को ही आवेदन दूंगा।’ इस पर कलेक्टर हंस पड़े और कहा, ‘मैं ही साहब हूं।’

कलेक्टर के कई बार समझाने और तत्काल काम करने का आश्वासन के बाद बुजुर्ग ने कलेक्टर को आवेदन दिया। ग्रामीण के भोलेपन को देख कर जनसुनवाई कक्ष में मौजूद हर शख्स मुस्कुरा उठा।

गुना में किसान ने खाया जहर

एस आर रघुवंशी, गुना। जिला जनसुनवाई में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। वह जमीन विवाद में दी जा रही धमकियों से परेशान था। कोर्ट आदेश के बाद भी राहत नहीं मिली तो दबंगों के अत्याचार से तंग आकर उसने जनसुनवाई में नशीला पदार्थ खा लिया। 

बताया जा रहा है कि किसान की जमीन पर कब्जे की कोशिश की जा रही थी। दबंग ट्रैक्टर चढ़ाकर उसे मारने की धमकी भी दे रहे थे। न्याय न मिलने से हताश होकर किसान ने आत्मघाती कदम उठा लिया। जिससे वहां हड़कंप मच गया। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

विदिशा में पेट पर पोस्टर चिपकाकर पहुंचा शिक्षक 

संदीप शर्मा, विदिशा। मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान विदिशा जिले की सिरोंज तहसील के शासकीय हाई स्कूल रतन वर्ष के शिक्षक ने जनसुनवाई में अपनी बात रखने का अनोखा तरीका अपनाया। अपने शरीर पर पोस्टर लगाकर वह कलेक्टर ऑफिस पहुंचे। जहां उन्होंने पिछले 1 साल से वेतन न मिलने की गुहार लगाई। 

शिक्षक वेद प्रकाश राजपूत का कहना है कि वह ब्लॉक कार्यालय में कई बार आवेदन दे चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गलत विवरण प्रक्रिया भेजे जाने के कारण उनका वेतन अटका हुआ है। उनका कहना है कि परिवार का पालन पोषण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए जल्द से जल्द उनकी समस्या का निराकरण किया जाए।

 

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