रायपुर. छत्तीसगढ़ सूचना आयोग ने 12 मामलों पर थाना प्रभारी पर बड़ी कार्रवाई की है. समयावधि में जानकारी नहीं देने पर सूचना आयोग ने थाना प्रभारी पर ₹65000/- से भी अधिक का अर्थदंड लगाया है.
दरअसल, 2019 में थाना मोहन नगर दुर्ग में जन सूचना अधिकारी के पद पर पदस्थ रहे नरेश पटेल पर 12 प्रकरणों में ₹65400/- का अर्थदंड लगाया है. आयोग ने अपने सभी 12 आदेशों दिनांक 25.06.2022 की कॉपी पुलिस अधीक्षक दुर्ग को भेजकर निर्देश दिए हैं.
आदेश में कहा कि तत्कालीन जन सूचना अधिकारी एवं थाना प्रभारी थाना मोहन नगर जिला दुर्ग (वर्तमान में थाना पुलगांव जिला दुर्ग) के वेतन से आयोग द्वारा अधिरोपित उक्त अर्थदंड की राशि को उनके वेतन से नियमानुसार कटौती कर शासकीय कोष में जमा कराया जाना सुनिश्चित करें.
दुर्ग निवासी गुलाब चंद सोनी ने अक्टूबर 2019 के दरमियान सूचना के अधिकार के तहत आवेदन पेश कर थाना मोहन नगर दुर्ग के जनसूचना अधिकारी से पृथक पृथक 12 आवेदन पत्रों के द्वारा क्रमशः थाना मोहन नगर में पदस्थ लोक सेवकों के नाम, पदनाम, सूचना के अधिकार के तहत संधारित सूचना पंजी, थाना मोहन नगर को आवंटित समस्त शासकीय वाहनों, हथियार लाइसेंस धारकों की जानकारी, किरायेदारों के संबंध में पुलिस द्वारा संग्रहित की गई जानकारी मांगी थी.
लोकसभा चुनाव 2019 के दरमियान थानों में हथियार जमा करा देना और जमा नहीं कराने वालों से संबंधित जानकारी, सूचना के अधिकार के तहत प्रस्तुत हुए आरटीआई आवेदन पत्रों इत्यादि के बारे में जानकारियां चाहिए थी, लेकिन आवेदक को समयावधि के भीतर वांछित अनुसार जानकारियां उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके कारण गुलाबचंद द्वारा सूचना आयोग में शिकायतें प्रस्तुत की गई.
राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने सभी 12 प्रकरणों में विलंब के लिए तत्कालीन जन सूचना अधिकारी नरेश पटेल को दोषी पाते हुए उन पर अर्थदंड आरोपित कर दिए हैं. यह पहली बार हुआ है कि किसी थाने के जन सूचना अधिकारी पर किसी एक ही शिकायतकर्ता के प्रकरणों में सूचना आयोग ने एकमुश्त 12 दंड आदेश अर्थदंड अधिरोपित किए जाने के आदेश पारित किए हैं.
आयोग ने आदेश की कॉपी तत्कालीन जन सूचना अधिकारी नरेश पटेल को भी प्रेषित कर निर्देश दिए हैं कि आयोग द्वारा अधिरोपित शास्ति की राशि को उल्लेखित अर्थदंड (पेनाल्टी) का शीर्ष, मुख्य शीर्ष- 0070, अन्य प्रशासनिक सेवाएं, उप मुख्य शीर्ष- (60) अन्य सेवाएं, लघु शीर्ष (118) सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अधीन प्राप्तियाँ, अर्थदंड की राशि जमा करने बाबत, में चालान द्वारा जमा कर चालान की एक छाया प्रति आयोग को भी भेजें.