रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार प्रदेश की जनता की सुविधा और राहत पहुंचाने के लिए अनेक अभिनव योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. आने वाले समय में इसी उदे्श्य की पूर्ति के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरूआत राज्य शासन द्वारा की जाएगी.

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में इन योजनाओं की रूप रेखा और क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की. मुख्य सचिव जैन ने बैठक में शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा की.

इन योजनाओं का क्रियान्वयन वित्त विभाग-जीएसटी, राजस्व-स्वास्थ्य-गृह-ऊर्जा-नगरीय प्रशासन-एनआईसी-सूचना एवं प्रौद्योगिकी, आवास एवं पर्यावरण, वन, लघु वनोपज संघ, वाणिज्य एवं उद्योग, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाएगा. बैठक में मुख्य रूप से इन योजनाओं-कार्यक्रमों से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों की जानकारी का संकलन के लिए प्रारूप तैयार करने और इन्हें मूर्त रूप देने के लिए जरूरी गतिविधियों और उनके लिए समय-सीमा निर्धारित करने पर चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने बैठक में कहा है कि लोग हित से जुड़े कार्यों को अनिवार्य रूप से समय-सीमा में पूरा किया जाए.

बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने नई योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में अपने-अपने विभाग की कार्ययोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की. वर्ष 2022 में जून पश्चात जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद होने के कारण राजस्व में हो रहे नुकसान से निपटने के लिए प्रस्तुत कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए जैन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के आर्थिक परिवेश से समानता रखने वाले अन्य राज्यों में जून के पश्चात जीएसटी की मॉनिटरिंग की जाए.

इस क्षेत्र में अन्य राज्यों में यदि बेहतर कार्य हुए है तो उनका क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ किए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए. विषय विशेषज्ञों की सेवा लेकर राजस्व उत्पादक समस्त विभागों के लिए राजस्व बढ़ाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश जैन ने दिए हैं. उन्होंने कहा है कि फरवरी माह के अंत तक वित्तीय विशेषज्ञों की सेवाएं लेकर कार्य प्रारंभ कर लिया जाए.

राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस, विद्युत तथा नगरीय निकायों से संबंधित समस्याओं का शासन स्तर पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग की समीक्षा करते हुए जैन ने इस कार्य में तेजी लाने और गुणवत्तापूर्ण निराकरण के लिए अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, सचिव राजस्व एन.एन. एक्का, सचिव नगरीय प्रशासन अलरमेल मंगई डी. और सचिव ऊर्जा अंकित आनंद को शामिल करते हुए एक समिति का गठन करने के निर्देश दिए हैं. यह समिति मुख्यमंत्री के मंशानुरूप जन शिकायतो के निवारण की ऑनलाइन प्रक्रिया की निगरानी करेगी.

ग्रामीण पट्टों की भूमि फ्री होल्ड किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव ने फरवरी माह के अंत तक प्रत्येक जिले से तहसील स्तर पर फ्री होल्ड किए जाने वाले ग्रामीण पट्टों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. योजना के क्रियान्वयन के लिए भू-राजस्व संहिता में आवश्यक संशोधन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने कहा गया है.

नगर निगम के निवेश क्षेत्रों में पांच हजार वर्गफुट भूमि के ले-आउट ऑनलाइन अनुमोदन की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा है कि निवेश क्षेत्रों में ले-आउट अनुमोदन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। जिससे पात्र व्यक्तियों-संस्थाओं को लाभ लेने के लिए आसानी हो सके.

कांकेर जिले के नाथिया नवागांव में प्रस्तावित कोदो-कुटकी प्रसंस्करण ईकाइ की स्थापना के संबंध में समीक्षा करते हुए जैन ने वाणिज्य एवं उद्योग और लघु वनोपज संघ को संयुक्त रूप से विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए मार्च अंत तक का समय निर्धारित किया गया है. नगर निगम क्षेत्रों में पांच हजार वर्गफुट भूमि की भवन अनुज्ञा की ऑनलाइन स्वीकृति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा है कि विगत दो-तीन वर्षाें में स्वीकृत भवन अनुज्ञा के प्रकरण और तीन जनवरी को प्रारंभ हुए ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद स्वीकृत भवन अनुज्ञा प्रकरणों की तुलनात्मक जानकारी प्रस्तुत की जाए और इसकी नियमित समीक्षा की जाए.

राज्य में एथेनाल उत्पादन के लिए 4800 करोड़ रूपए के 27 एमओयू विभिन्न पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा किए गए है. इनके माध्यम से 100 करोड़ लीटर से अधिक एथेनाल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. मुख्य सचिव ने इन पेट्रोलियम कम्पनियों से निरंतर सम्पर्क रखने और एथेनाल उत्पादन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा एथेनाल के अतिरिक्त क्रय हेतु अनुबंध प्रक्रिया बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.

नगरीय क्षेत्रों में जन प्रतिनिधियों की सहायता से राशनकार्ड बनाने की प्रक्रिया को अन्य पिछड़ा वर्ग गणना से जोड़ते हुए आगामी एक माह की कार्ययोजना प्रस्तुत करने कहा गया है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जन उपयोगी सेवाओं की घर पहुंच सेवा को 31 मार्च से पूर्व प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं.

बैठक में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुवा, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर गौरव द्विवेदी, सचिव सामान्य प्रशासन डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव वित्त अलरमेल मंगई डी., सचिव ऊर्जा अंकित आनंद, सचिव राजस्व एन.एन.एक्का, प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला सहित एनआईसी और चिप्स के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.