Puja Ke Niyam: भारतीय संस्कृति में दीपक का बहुत महत्व है. हम सभी शुभ-अशुभ अवसरों पर दीपक जलाते हैं. देवी-देवताओं को प्रसन्न करने और ग्रह दोषों या जीवन में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए दीपक जलाना सबसे अच्छा उपाय माना जाता है, लेकिन जब यह उसके अनुष्ठान, नियम और कायदे के अनुसार, स्थान, वस्तु और समय को ध्यान में रखकर किया जाता है, तभी दीपक जलाने से शुभ कामनाएं पूरी होती हैं.

दीपक कहां रखा जाना चाहिए?

पूजा के दौरान दीपक जलाते समय यह जानना बहुत जरूरी है कि दीपक कहां रखना चाहिए और दीपक में किस प्रकार की बाती का प्रयोग करना चाहिए. यदि आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे भगवान के सामने बाएं हाथ पर तथा तेल का दीपक दाएं हाथ में रखें. घी के दीपक में हमेशा रुई की बाती का प्रयोग करें. लेकिन तेल के दीपक में लाल धागे की बाती का प्रयोग करना बेहतर माना जाता है. इसी तरह दीपक जलाने का सबसे अच्छा समय सुबह 5 से 10 बजे और शाम को 5 से 7 बजे के बीच का है. दीपक को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना शुभ माना जाता है.

यदि आप एक दीपक जलाएं और उसकी बाती को 30 सेकंड या 1 मिनट तक देखकर संकल्प लें, तो आपको इस दीपक को जलाने के शुभ परिणाम प्राप्त होंगे. अन्यथा, हम जो दीपक प्रतिदिन जलाते हैं, वह केवल मन को शांत करता है और संतुष्टि देता है. इसे पश्चिम दिशा में रखने से आर्थिक संकट बढ़ता है. साथ ही पितरों के लिए दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाया जाता है.

दीपक टूटा हुआ नहीं होना चाहिए (Puja Ke Niyam)

दीपक जलाने के लिए धातु का दीपक प्रयोग करें. यदि आप मिट्टी का दीपक इस्तेमाल करते हैं तो वह टूटना नहीं चाहिए. इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि दीपक जलने के बाद बुझ न जाए. इसके लिए आप लैंप को कांच से ढक सकते हैं. यदि किसी कारणवश दीपक बुझ जाए तो उसे तुरंत जला देना चाहिए और भगवान से क्षमा मांगनी चाहिए.

शत्रुओं का भय दूर करने के लिए प्रतिदिन हनुमानजी के सामने तेल का दीपक जलाएं. लाल धागे की बत्ती वाला दीपक जलाकर संकल्प लेकर 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. शत्रुओं का भय दूर होता है.