आज है दीपावली और आज के दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. जानें आज किस समय आपको पूजा करनी चाहिए

आज दीपावली का त्‍योहार मनाया जा रहा है. इस दिन दीप जलाकर भगवान राम के साथ ही देवी लक्ष्‍मी व गणेश जी की भी पूजा होती है. दीपावली का पूजन प्रदोष काल और स्थिर लग्न में होता है. वृष और सिंह स्थिर लग्न है. सिंह लग्न के समय अमावस्या का अभाव है. इस दिन स्वाति नछत्र सूर्योदय काल से लेकर 19.37 तक रहेगा तत्पश्चात विशाखा लग जायेगा.

प्रदोष काल का समय गृहस्थ एवं व्यापारियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है. प्रदोष काल का मतलब होता है दिन और रात्रि का संयोग काल. दिन भगवान विष्णु का प्रतीक है और रात्रि माता लक्ष्मी का प्रतीक है. धर्म सिंधु के अनुसार प्रदोष काल अमावस्या निहित दीपावली पूजन को सबसे शुभ मुहूर्त है. सुजीत जी महाराज से जानें दिवाली का शुभ मुहूर्त…

  1. प्रदोष काल का समय-
    सायं 17.27 से 20.05 तक. इस मुहूर्त में एक सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें स्थिर लग्न वृषभ भी मिल जाएगा. वृष और प्रदोष दोनों मिल जाने से ये दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है.
  2. वृष लग्न
    दीपावली पूजन स्थिर लग्न वृष में भी किया जाता है. व्ययसाय से जुड़े लोग अपने प्रतिष्ठान में इसी समय पूजन करवाते हैं. वृष लग्न 17.14 से 19.50 तक रहेगा.
  3. निशीथ काल
    20.11 से 22.51 तक लगेगा. यह काल व्यापारियों के लिए बहुत अच्‍छा है. इसमें 19.09 से 20.52 तक पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त है.
  4. महानिशीथ काल
    23.14 से 24.06 तक. इसमें सिंह लग्न भी मिल जाएगा.

सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त- 
1. गृहस्थ प्रदोष काल में पूजन करें.
2. व्यापारी प्रदोष और वृष लग्न में दीपावली पूजन करें तो बेहतर है.
3. छात्र प्रदोष काल में पूजन करें.
4. आई टी, मीडिया, फ़िल्म, टी वी इंडस्ट्री, मैनेजमेंट और जॉब करने वाले शुक्र प्रधान लग्न वृष में पूजन करें.


5. सरकारी सेवा के लोग अधिकारी और न्यायिक सेवा के लोग भी वृष लग्न में ही पूजन करें.
6. तांत्रिक महानिशीथ काल में पूजन करें.
 7. चौघड़िया मुहूर्त में भी किसी विशेष लाभ हेतु पूजा कर सकते हैं. 18.51 से 23.42 तक शुभ, चर की चौघड़िया तथा 23.56 से 28.33 तक लाभ की चौघड़िया रहेगी.
9. राजनीतिज्ञ अमावस्या की रात्रि के महानिशीथ काल में तांत्रिक पूजन कर सकते हैं.