स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय टीम की दीवार चेतेश्वर पुजारा डेढ़ दशक से अधिक लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद अपने 100वें टेस्ट की दहलीज पर खड़े हैं. वह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत शुक्रवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में मैदान पर उतरते ही 100 टेस्ट मैच खेलने वाले 13वें भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगे. इस मैच में पुजारा कुछ नए शॉट के साथ मैदान पर उतरेंगे. अपने बल्लेबाजी में लचीलापन लाने के उद्देश्य से उन्होंने टीम मैनेजमेंट के साथ बातचीत के बाद अपनी बल्लेबाजी में कुछ नए शॉट जोड़े हैं.
पुजारा अपने करियर में धीमी बल्लेबाजी के लिए कई बार आलोचकों के निशाने पर रहे हैं. पिछले वर्ष पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था. उस समय कहा गया था वह अपने खेल को आगे नहीं बढ़ाने में असमर्थ थे, जिससे गेंदबाजों पर दबाव आ गया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले उन्होंने इस पर कहा कि निश्चित रूप से यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत होती है, खुद पर विश्वास रखना होता है.
दाएं हाथ का यह बल्लेबाज अभी तक 99 टेस्ट में 19 शतक और 7,000 से अधिक रन बना चुके हैं. पुजारा ने कहा कि हर खिलाड़ी की शैली अलग होती है. इतने वर्षों में मैंने जो सीखा है, वो अपनी मजबूती पर अडिग बने रहना है और आपको इसका समर्थन करना चाहिए. मैंने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल में कुछ शॉट जोड़े हैं और एक क्रिकेटर के रूप में आगे बढ़ना जारी रखा है. भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद वह इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने चले गए और ससेक्स के लिए रनों की बरसात कर दी और वापसी करते हुए 100 टेस्ट खेलने वाले 13वें भारतीय बन जाएंगे.
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