सुप्रिया पांडेय, रायपुर। राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान 31 जनवरी से प्रदेशभर में चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी. अभियान के प्रथम दिन पोलियो बूथ पर, एवं दूसरे और तीसरे दिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बूथ पर न आने वाले बच्चों को दवा पिलाएंगे.

राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि इस अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. राज्य के लगभग 35 लाख बच्चों को पल्स पोलियो अभियान के तहत 31 जनवरी को आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक शाला, उप-स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर प्राथमिक, सामुदायिक, जिला अस्पतालों, मातृ शिशु अस्पतालों में पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी.

विश्व स्वास्थ संगठन ने मार्च 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था. लेकिन अन्य पड़ोसी देशों से पोलियो के खतरे को देखते हुए भारत सरकार अभी भी वर्ष में एक बार पल्स पोलियो अभियान चला रही है, जिससे देश में पोलियो मुक्त की स्थिति बनी रहे. भारत ने 13 फरवरी 2020 को पोलियो मुक्त राष्ट्र के रूप में 9 वर्ष पूर्ण किए हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश में पोलियो का आखिरी केस 18 वर्ष पूर्व वर्ष 2002 में बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड में पाया गया था.

डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कहा कि इसके पश्चात भी पोलियो का खतरा बना हुआ है. विश्व के तीन देश (पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और नाइजीरिया) में पोलियो का संक्रमण अभी भी जारी है. इसमें से दो देश हमारे पड़ोसी देश है, इस कारण पोलियो का खतरा भारत में हमेशा बना रहता है. इसी क्रम में 31 जनवरी 2021से पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि “स्वास्थ्य विभाग ने पल्स पोलियो के सफल संचालन के लिए राज्य भर में लगभग 14,396 पोलियो बूथ बनाये गए हैं, और लगभग 28,800 घर-घर भ्रमण दलों का गठन किया गया है. अभियान के दौरान लगभग 35.81 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान में 0 से 5 साल के बच्चों को 31 जनवरी को पोलियो बूथ पर 1 और 2 फरवरी को घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी.

शहरी क्षेत्रों के बूथों की मॉनिटरिंग के लिए 5 अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 15 अधिकारियों को नियुक्ति किया गया है. बूथ में किसी प्रकार की लापरवाही न हो इसके लिए मॉनिटरिंग अधिकारी लगातार बूथों का मुआयना करते रहेंगे. इसके लिए राज्य के सभी जिलों में विभिन्न सार्वजनिक भवनों, बस स्टैण्ड आदि में टीकाकरण केन्द्र बनाए गए हैं. इन केन्द्रों में बच्चों को पोलिया की खुराक पिलाने के लिए शासकीय कर्मचारियों और मितानिनों सहित अन्य कर्मियों को मिलाकर टीकाकरण दलों का गठन किया गया है.

डॉ सिंह ने कहा कि अभियान को कोविड-19 की गाइडलाइन अनुसार ही मनाया जाएगा, जिसमें मास्क पहनना, दो गज की दूरी बनाए रखना, साबुन से हाथ धोना, शारीरिक दूरी का पालन भी किया जाएगा. अभियान के तहत सभी जिले के पहुंच विहीन दूरस्थ क्षेत्रों, झुग्गी झोपड़ी, मलीन बस्ती, ईट भट्ठा, अस्थाई बसाहटों आदि क्षेत्रों के बच्चों को दवा पिलाई जाएगी. इसके साथ ही चलित जनसंख्या के हितग्राही बच्चों को बस स्टैंड और रेल्वे स्टेशन पर ट्रांजिट दलों के माध्यम से बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जायेगी.

मेला और हाट बाजारों में भी दवा पिलाने के लिये दलों को तैनात किया जाएगा. शहर के बडे़ आवासीय क्षेत्रों में ही पोलियो बूथ सेंटर बनाया गया है. प्रदेश में पोलियो के एक भी प्रकरण नहीं मिला है, लेकिन आगामी कुछ साल तक बच्चों को पोलियो की दवा नियमित देना जरूरी है, ताकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे.