रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार दिसंबर महीने में तीसरे साल में प्रवेश करने जा रही है. मतलब भूपेश सरकार के कार्यकाल का दो वर्ष पूर्ण हो रहा है. ऐसे में लंबे समय से निगम-मंडल-आयोग में जगह पाने की जुगत में लगे कार्यकर्ताओं की मुराद पूरी हो सकती है. ऐसी पूरी संभावना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो साल पूरा करने के मौके पर पार्टी के समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं को सौगात दे देंगे.
इन्हीं कयासों के बीच 28 नवंबर को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. 28 नवंबर की शाम पुनिया रायपुर पहुँचेंगे. रायपुर पहुँचते ही शाम में पुनिया कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक में शामिल होंगे. चर्चा है कि इस बैठक में पुनिया के समक्ष निगम-मंडल-आयोग में जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं को जगह दी जा रही है उनकी सूची रखी जाएगी. चर्चा ये भी है कि पुनिया लिस्ट में शामिल नामों पर अपनी मुहर लगा देंगे.
दावेदारो में बढ़ी हलचल
इधर पुनिया के दौरे को देखते हुए निगम-मंडल-आयोग में जगह पाने को आतुर दावेदारों के बीच हलचल बढ़ गई है. दावेदार अपनी-अपनी पहुँच के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साध रहे हैं. बताया जा रहा कि पार्टी में दावेदारों की संख्या इतनी है कि लिस्ट को लेकर पूरी गोपनीयता बरती जा रही है. ताकि किसी भी तरह का कोई विवाद या हंगामे की स्थिति न बने. हालांकि खबर ये है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रायशुमारी के बाद ज्यादातर नामों पर सहमति बना ली है.
इन निगम-मंडल-आयोगों में होनी है नियुक्तियाँ
छग राज्य पर्यटन मंडल, कृषि उपज मंडी बोर्ड, पर्यावरण संरक्षण मंडल, माटीकला बोर्ड, केश शिल्पी कल्याण मंडल, मार्कफेड, ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन, राज्य बीज निगम, सीएसआईडीसी, संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, मदरसा बोर्ड, दुग्ध महासंघ, मत्स्य महासंघ, हाथकरघा विकास, हिंदी ग्रंथ अकादमी, सिंधी अकादमी, उर्दू अकादमी, युवा आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, विधि आयोग, शिक्षा आयोग, निशक्तजन आयोग, छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग.
गैर-राजनीतिक चेहरों को भी मिलेगी जगह
कुछ आयोग और मंडल ऐसे में भी जहाँ पर गैर-राजनीतिक चेहरों की नियुक्तियाँ की जानी है. इनमें शिक्षा, साहित्य के साथ पत्रकारिता जगत और समाज सेवा के कार्य से जुड़े लोगों के नाम शामिल हैं. बताया जा रहा कि कुछ नामों को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच अंतिम दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है. वहीं खबर ये भी है कि सरकार की ओर से गोपनीय तरीके कुछ जिलों में कई लोगों के बारे में जानकारियाँ जुटाई गई हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बाद में किसी की भी नियुक्ति को लेकर कहीं से कोई भी किसी तरह का विवाद न हो, कहीं से कोई सवाल न उठे. जैसा कि अभी समाज कल्याण विभाग में एक सदस्य की नियुक्ति को लेकर सवाल उठे हैं.