चंडीगढ़ : तरनतारन विधानसभा उपचुनाव के लिए आयोजित भव्य रोडशो के दौरान राज्य की महिलाओं को ऐतिहासिक तोहफा देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आगामी बजट सत्र में हर योग्य महिला के बैंक खाते में ₹1000 मासिक सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे बिना किसी पेपरवर्क के, बिना किसी बिचौलिए के, सिर्फ एक क्लिक में।
सीएम मान ने अपने संबोधन में कहा, “हमारी माताओं और बहनों को ₹1000 देने का वादा अब बजट पास होने के बाद पूरा होगा। अब समय है कि हर महिला को हर महीने ₹1000 मिले।” उन्होंने यह भी बताया कि यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे खातों में क्रेडिट होगी।
इस ₹1000 की योजना को सिर्फ आर्थिक मदद के रूप में नहीं देखा जा सकता, बल्कि यह पंजाब की महिलाओं के लिए सम्मान और आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस योजना से न केवल महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण मिलेगा, बल्कि परिवार की समृद्धि भी बढ़ेगी और घरेलू खर्चों में राहत मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, “अगर किसी परिवार का बच्चा नौकरी पाता है तो पूरे घर का माहौल बदल जाता है, और अगर महिला आर्थिक सहायता पाती है तो पूरा परिवार मजबूत बनता है।”

इस जनसभा में, जो कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू के समर्थन में तारणतारन में आयोजित की गई थी, मुख्यमंत्री मान ने लोगों से 11 नवंबर को ‘झाड़ू’ (पार्टी चिन्ह) पर वोट डालने की अपील की। उन्होंने कहा, “विपक्ष पैसे की राजनीति कर रहा है, लेकिन तारणतारन के समझदार लोग ईमानदारी और विकास को चुनेंगे।”
भगवंत मान ने यह भी विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार पांच साल के भीतर जनता से किए गए सभी वादों को पूरा करेगी। आम आदमी पार्टी अपने जन-हितकारी नीतियों के कारण इस उपचुनाव में भारी जीत की उम्मीद कर रही है।
- शराबबंदी पर दोहरी कार्रवाई के आरोप से गरमाई बिहार की राजनीति, संतोष सुमन का बड़ा बयान
- ‘हमने अपनी धरती को बांग्लादेश के खिलाफ…’, यूनुस सरकार ने शेख हसीना पर लगाया भारत में रहकर कार्यकर्ताओं को भड़काने का आरोप, भारत ने दिया जवाब
- PRSI 47th Annual National Conference : सुशासन की सफलता प्रभावी, पारदर्शी और संवेदनशील संचार पर निर्भर करती है- बंशीधर तिवारी
- विधानसभा शीतकालीन सत्र : छत्तीसगढ़ अंजोर 2047 पर विस्तृत चर्चा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रदेश के दीर्घकालिक विकास विज़न का रखा स्पष्ट रोडमैप
- Rajasthan News: सेशन न्यायाधीश के आदेश को बताया क्षेत्राधिकार से परे, हाईकोर्ट ने जताई आपत्ति, चीफ जस्टिस के संज्ञान में लाने के निर्देश


