जालंधर. राज्य भर में 117 सरकारी स्कूलों को स्कूल ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिया जा रहा है। जिसे लेकर बेहतरीन बिल्डिंग के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी मुहैया करवाया जा रहा है। ताकि स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए प्रत्येक मूलभूत सुविधा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए कोचिंग और खेल के बढ़ावा देने के लिए ग्राउंड आदि का प्रबंध किया जा रहा है।
स्कूलों की बिल्डिंग को बेहतर ढंग से तैयार करवाया जा रहा है। मगर स्कूल प्रधानाचार्य अपने स्तर पर बिल्डिंगों के डिजाइन में भी बदलाव कर रहे हैं। जिसे लेकर डायरेक्टोरेट की तरफ से सभी प्रधानाचार्यों का साफ कर दिया है कि वे स्कूल ऑफ एमिनेंस की इमारतों के डिजाइन में अपनी मर्जी से बदलाव नहीं करेंगे।
इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की बदलाव करवाया जाना है तो पहले जिला शिक्षा अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी। जिन्हें उनके सम्मुख बदलाव की संभावनाओं व जरूरतों, क्यूं बदलाव जरूरी है के संबंधी में अपना स्पष्टीकरण भी देना होगा। जो ठोस व सही पाया जाने पर ही जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से स्कूल आफ एमिनेंस का दौरा कर परिस्थिति का रिव्यू किया जाएघा। जिसके बाद बदलाव संबंधी मंजूरी के लिए फाइल मुख्य दफ्तर भेजी जाएगी। ऐसी स्थिति में मुख्य दफ्तर से मंजूरी मिलने पर ही बदलाव किए जा सकते हैं।
जालंधर जिले में पहले चरण पर आदमपुर स्कूल को तैयार किया जा रहा है। उसके बाद सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल माडल टाउन का नंबर आएगा। इसके साथ-साथ विभाग की तरफ से सभी चुने गए स्कूलों के बाहर स्कूल आफ एमिनेंस नाम अंकित करने के भी आदेश दे दिए गए हैं।
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