चंडीगढ़. पंजाब विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का समय खत्म होने के बाद स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने उन्हें रोक दिया जिस पर कांग्रेस सदस्यों ने ऐतराज जताया. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोक हुई और आखिर में स्पीकर ने कांग्रेस के विधायकों 9 को निलंबित करते हुए उन्हें सदन से बाहर जाने के लिए कहा.

राजा वडिंग ने कहा कि पिछले साल राज्य पर कुल कर्ज 2.64 लाख करोड़ रुपए का था और सरकारों ने कर्ज वापस भी किया है. उन्होंने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर में कोई खास प्रावधान नहीं है. ऐसे में मालवा नहर कैसे बनेगी. समय खत्म होने पर स्पीकर संधवां ने उन्हें बैठने के लिए कहा लेकिन वह रुके नहीं और बार-बार समय मांगते रहे. समय न मिलने कांग्रेस के सदस्य खड़े हो गए और इसका विरोध किया. स्पीकर की दलील थी कि नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस का निर्धारित समय पहले ही ले चुके हैं लिहाजा अब समय नहीं दिया जा सकता.


कांग्रेस के सदस्य वेल में आ गए और सदन की कार्यवाही बाधित हुई और दोनों पक्षों के बीच बहस होती रही. उसी समय स्पीकर ने कांग्रेस के 9 सदस्यों को नेम करते हुए सदन से बाहर जाने को कहा. उन्होंने मार्शलों को आदेश दिया कि इन्हें बाहर किया जाए. इनमें नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, राजा वडिंग, सुखविंदर सिंह सुख सरकारिया, हरदेव सिंह लाडी, अवतार सिंह जूनियर, वरिंदरजीत सिंह पहाड़ा, डा. राजकुमार चब्बेवाल, विक्रमजी प्रताप सिंह बाजवा, राणा गुरजीत सिंह शामिल थे. बाजवा विधायकों के साथ बाहर चले गए जबकि राजा वडिंग अपनी सीट पर बैठे रहे और हंगामा होता रहा. स्पीकर ने 15 मिनट के लिए सदन को स्थगित कर दिया.

मार्शल राजा वडिंग को बाहर जाने के लिए कहते रहे लेकिन वह नहीं माने और उठाए जाने पर वह वेल में बैठ कर नारेबाजी करने लगे. 15 मिनट बीतने पर जब्ब वडिंग बाहर नहीं गए तो मार्शलों ने राजा वडिंग को उठाकर सदन के बाहर निकाला. स्पीकर ने सदन में कहा कि सदन नियमों और अनुशासन से चलता है. अगर सदस्य इसी तरह व्यवहार करते रहे तो काम कैसे किया जाएगा.


बाहर निकल कर राजा वडिंग ने कहा कि सरकार उन्हें पूरे समय के लिए सदन से निलंबित कर दे लेकिन रोज-रोज जलील न करे. उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश है लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. स्पीकर मनमाने तरीके से सदन को चला रहे हैं.