चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार, डीजीपी गौरव यादव व केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक सिब्बल व दीपक मनचंदा ने यह आदेश पंजाब के पूर्व डीजीपी व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वीके भावरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया. भावरा ने अपनी याचिका में पिछले दिनों केंद्रीय एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल (कैट) द्वारा जारी उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कैट ने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव की नियुक्ति को सही ठहराते हुए भावरा की याचिका को खारिज कर दिया था.

वीके भावरा ने गौरव यादव की नियुक्ति के खिलाफ कैट में दाखिल याचिका में कहा था कि गौरव यादव की डीजीपी पद पर नियुक्ति यूपीएससी के प्राविधान और प्रक्रिया के उहत नहीं की गई है इतना ही नहीं इस नियुक्ति पर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी पंजाब सरकार को पत्र लिख डीजीपी पद पर तय नियमों के तहत नियुक्ति करने की बात कह चुका है.

Punjab and Haryana High Court

याचिका के अनुसार भावरा 1987 बेच के हैं तो गौरव यादव 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी है इस लिहाज से गौरव यादव उनसे जूनियर हैं और इस नियुक्ति में सिनियोरिटी को दरकिनार किया गया है. पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है और बेहद संवेदनशील भी इसलिए यहां डीजीपी के पद पर तय प्रक्रिया के तहत ही नियुक्ति की जानी चाहिए. किसी को कार्यकारी डीजीपी नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए.

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