चंडीगढ़ : पंजाब का बढ़ता कर्ज सरकार और जनता के लिए बड़ी चिंता का कारण बन रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब का कर्ज भारत के ज्यादातर राज्यों से ज्यादा हो चुका है. हिमाचल प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां कर्ज-राज्य जीडीपी (GSDP) अनुपात 45.2% है.
यह आंकड़े सरकार ने संसद में पेश किए. चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में सवाल पूछा था कि राज्यों की वित्तीय स्थिति (Financial position) और उनके बकाया कर्ज (Outstanding debt) की क्या स्थिति है?
मार्च 2025 तक पंजाब की कुल देनदारियां यानी liabilities ₹3.78 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. इसका मतलब है कि पंजाब का कर्ज-राज्य जीडीपी (GSDP) अनुपात 46.6% हो जाएगा. जिससे पंजाब भारत का दूसरा सबसे ज्यादा कर्जदार राज्य बन जाता है. इस लिस्ट में पहला स्थान अरुणाचल प्रदेश का है, जहां यह अनुपात 57% है.

कौन-कौन से राज्य कर्ज में डूबे हैं?
हाल ही में संसद में सांसद मनीष तिवारी ने सवाल पूछा, जिसके जवाब में सरकार ने यह आंकड़े जारी किए. रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के अलावा कई अन्य राज्य भी भारी कर्ज तले दबे हैं. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को जो आंकड़े पेश किए, उनके मुताबिक पंजाब देश का दूसरा सबसे ज्यादा कर्जदार राज्य है. यह आंकड़ा राज्य की कुल आर्थिक उत्पादन (GSDP) के मुकाबले कर्ज की तुलना में निकाला गया है.
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