अमृतसर. आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पंजाब के वार्षिक बजट को लेकर कुछ बड़े ऐलान की उम्मीद थी लेकिन 2.04 लाख करोड़ का बजट होने के बाद भी बढ़ते कर्ज और खर्च ने वित्तमंत्री हरपाल चीमा को किसी बड़ी राहत या घोषणा न करने के लिए मजबूर किया. बजट में बड़ी राहत यह रही कि राज्य सरकार ने कोई नया कर नहीं लगाया.
18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह देने की चुनाव से पहले की गारंटी तीसरे बजट में भी पूरी नहीं हो सकी. दिल्ली सरकार ने सोमवार को अपने यहां महिलाओं को यह लाभ देने का ऐलान कर दिया वहीं पड़ोसी हिमाचल प्रदेश की सरकार ने महिलाओं के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह देने का जो वादा किया था वह पूरा कर दिया.
बजट का बड़ा हिस्सा मुलाजिमों के वेतन भत्ते पर 23.78 फीसदी, पेंशन व अन्य लाभ 13.39 फीसदी और ब्याज की अदायगी 16.16 फीसदी खर्च होने से वित्तमंत्री चीमा कोई बड़ा ऐलान न करने के लिए मजबूर थे. हालांकि पिछली सरकारों की देनदारियों को वित्तमंत्री बेहतर ढंग से निपटा रहे हैं लेकिन कर्ज के ब्याज के रुप में राजस्व का एक बड़ा हिस्सा हर साल पंजाब को नुकसान पहुंचा रहा है.
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