खटकर कलां, पंजाब। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए कड़ा प्रयास करेगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके भतीजे अभय सिंह की पत्नी तेजी संधू और भगत सिंह के परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा.

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आजादी के 70 सालों के बाद भी भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं

उन्होंने अफसोस जताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 70 से अधिक वर्षों के बाद भी उन्हें यह दर्जा नहीं दिया गया है. सीएम भगवंत मान ने कहा कि देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चंगुल से छुड़ाने के लिए पूरा देश इस महान शहीद का सदैव आभारी रहेगा. शहीद-ए-आजम भगत सिंह के सपनों को साकार करने के लिए लोगों के पूर्ण समर्थन की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार भगत सिंह की आकांक्षाओं को संजोने और एक सामंजस्यपूर्ण और समतावादी समाज का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सीएम भगवंत मान ने शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की बरसी पर उन्हें दी श्रद्धांजलि

पंजाब के CM भगवंत मान ने शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की बरसी पर हुसैनीवाला स्मारक और खटकड़ कलां जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि घर-घर तक शहीदों की सोच पहुंचाने के लिए हमारा यह छोटा सा कदम है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और भी ऐलान होंगे.

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आप को 117 में से 92 सीटों पर मिली विजय

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 117 में से 92 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की है. भगवंत मान मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2017 में 77 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार केवल 18 सीटों पर सिमट गई. शिरोमणि अकाली दल को 3 सीटें, बसपा को एक सीट, बीजेपी को 2 सीट और अन्य को एक सीट हासिल हुई है. वहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सुनामी में बड़े-बड़े सियासी दिग्गज धराशायी हो गए. सीएम रहते हुए चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीट चमकौर साहिब और भदौड़ से चुनाव हार गए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. दो पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहरी और प्रकाश सिंह बादल लंबी विधानसभा सीट से हार गए. शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और उनके बहनोई बिक्रम सिंह मजीठिया को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.