चंडीगढ़। पांच राज्यों के चुनाव की घोषणा के बाद पंजाब चुनाव हर दिन दिलचस्प होता जा रहा है. एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं, तो वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा और अन्य के साथ गठबंधन कर कांग्रेस को हराने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं. दरअसल पंजाब की सभी 117 सीटों पर 20 फरवरी को मतदान होना है. वहीं वोटों की गिनती 10 मार्च को बाकी राज्यों के साथ की जाएगी. कांग्रेस के सामने अनगिनत चुनौतियां हैं. चाहे मुख्यमंत्री चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के बीच तनातनी हो, कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस पर लगातार हमले हों या प्रदेश में बेअदबी की ताजा घटना.
पंजाब के मुख्यमंत्री विपक्षी पार्टियों से लड़ने के साथ कांग्रेस की अंदरूनी कलह से भी निपट रहे हैं. पंजाब चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन और राजनीति पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी राय रखी.
पेश है मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ खास बातचीत के अंश
सवाल- क्या चुनाव के नजदीक आते-आते आपको ताज पहनाया गया, वो अब कांटों का ताज बन रहा है ?
जबाब- मेरा एकमात्र उद्देश्य पंजाब के लोगों की सेवा करना था. हालांकि, समय समाप्त हो गया था, लेकिन फिर भी मैं संतुष्ट हूं कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने लगभग चार महीने के कार्यकाल के दौरान मैं 111 जनसमर्थक निर्णय लेने में कामयाब रहा हूं. मैं परिणामों की परवाह किए बिना अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखूंगा.
सवाल: कैप्टन अमरिंदर के सिद्धू को लेकर दावे से कांग्रेस को कितना नुकसान होगा ?
जवाब: कैप्टन अमरिंदर सिंह एक ‘चला हुआ पटाखा’ हैं. उन्होंने अपनी ही पार्टी, किसानों और पंजाब के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है. अब उन्हें कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खनन माफिया से लड़ने में सिद्धू के दावों की उड़ाई खिल्ली
सवाल: क्या उनके इस तरह के बयान कांग्रेस को कमजोर कर रहा है ?
जवाब: यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है और हर कोई अपने विचार व्यक्त कर सकता है. पंजाब में कांग्रेस एकजुट है और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी.
सवाल: क्या कांग्रेस विपक्षियों से चुनाव लड़ेगी या कांग्रेस के नेताओं से ?
जवाब- नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस एक एकजुट पार्टी है और हम सामूहिक नेतृत्व के तहत यह चुनाव लड़ेंगे.
सवाल: पंजाब में कांग्रेस को चुनाव से ठीक पहले बेअदबी की घटना से नुकसान होगा ?
जबाब- कोई नुकसान नहीं होगा, बेअदबी की घटना को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने यहां तक कि लोगों से अकाली दल को उसके पापों के लिए दंडित न करने की गुहार लगाई थी. हर कोई जानता है कि इस नृशंस कृत्यों के पीछे कौन थे और कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री के रूप में शिरोमणि अकाली दल-भाजपा के साथ गठजोड़ किया और उन्हें आश्रय दिया. मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद हमने एसआईटी का गठन किया और सरकार बनने के बाद लोगों को न्याय मिलेगा.
सवाल: क्या यह चुनाव चन्नी बनाम भगवंत मान है ?
जवाब: यह ऐसा नहीं है. मैं किसी को अपने प्रतिद्वंदी के रूप में नहीं देखता, मैं खुद से प्रतिस्पर्धा करता हूं. मैं आम आदमी, मध्यम वर्ग और हर पंजाबी का प्रतिनिधित्व करता हूं और बोलता हूं. दूसरी बात, पंजाब के लोग भगवंत मान को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, इसलिए आम आदमी पार्टी सुप्रीमो उन्हें अपनी पार्टी का सीएम चेहरा घोषित करने में देरी कर रहे थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल किसी को मना नहीं सके, क्योंकि पंजाबी उन्हें पसंद नहीं करते.
सवाल: क्या केजरीवाल को लोग मौका देंगे, ऐसा लगता है ?
जवाब: आम आदमी पार्टी ठगों की पार्टी है. वे अपने ना-पाक एजेंडे से पंजाब की जनता को बेवकूफ नहीं बना पाएंगे.
सवाल: केजरीवाल फ्री योजनाओं से पंजाब की जनता को लुभा सकेंगे ?
जवाब: केजरीवाल के संदिग्ध दावों से दिल्ली की जनता पहले ही तंग आ चुकी है और अब वह मुफ्तखोरी और लुभावनी घोषणाओं से पंजाबियों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे. पंजाबी उसे सबक सिखाएंगे.
सवाल: पंजाब में कांग्रेस कितनी सीटें प्राप्त कर सकेगी ?
जवाब: मैं नंबर गेम में विश्वास नहीं करता। यह लोगों का फैसला है और वोटों की गिनती के बाद सभी को यह पता चल जाएगा, लेकिन हां, लोगों ने मेरे चार महीने काम करना पसंद किया और मुझे विश्वास है कि कांग्रेस प्रचंड जीत के साथ फिर से सरकार बनाएगी.
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सवाल: मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा ?
जवाब: यह पार्टी का विशेषाधिकार है कि वह किसे मुख्यमंत्री घोषित करती है. जब भी यह किया जाता है और फैसला जो भी होगा, मैं अपनी पार्टी के फैसले का समर्थन करता हूं.
सवाल: सिद्धू सीएम की सीट के लिए जिद पर अड़े तो आप क्या उनके सीएम बनने के लिए सहमत होंगे ?
जवाब: अगर कोई व्यक्ति अपनी मांग को लेकर हंगामा कर रहा है तो यह गलत नहीं है, हालांकि मैं एक कट्टर कांग्रेस कार्यकर्ता हूं और अपने आलाकमान के आदेश का समर्थन करूंगा.
सवाल: नवजोत सिंह सिद्धू के मेनिफेस्टो और कांग्रेस के मेनिफेस्टो में इतना दुविधा क्यों है ?
जवाब: कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता पंजाबियों के कल्याण और पंजाब की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं.
सवाल: कांग्रेस किसका मेनिफेस्टो को जनता के बीच लेकर आएगी?
जवाब: यह पार्टी का विशेषाधिकार है और आलाकमान जल्द ही घोषणा पत्र जारी करेगा.
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