चंडीगढ़। राजस्थान में कैबिनेट विस्तार से पहले वहां 3 मंत्रियों ने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसमें पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी भी शामिल हैं. इनके अलावा राजस्थान के दो और मंत्रियों रघु शर्मा और गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस्तीफा दे दिया है. इन तीनों ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है और संगठन में काम करने की इच्छा जताई है. बता दें कि चौधरी पर दोहरा दबाव था. एक तो वे राजस्थान में मंत्री थे, तो दूसरी तरफ उनके पास पंजाब कांग्रेस का भी प्रभार था. अब 2022 में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो उनका काम काफी बढ़ गया है. वैसे भी पंजाब कांग्रेस फिलहाल अंतर्कलह से गुजर रही है, ऐसे में इसे संभालना हरीश चौधरी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है. एक तरफ सिद्धू लगातार सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं, तो खुद हरीश चौधरी भी सीएम रहते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्या-क्या काम पंजाब के लिए किए, उस पर ही सवाल खड़े कर दिए.

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इधर पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी हरीश चौधरी की कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में मतभेद सामने आए हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल पर उन्होंने सवाल उठाए. हरीश चौधरी के अपने ही सरकार के पिछले साढ़े 4 साल पर ऊंगली उठाने के बाद उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी बचाव में आए और कहा कि सरकार ने 90 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं. अपनी ही सरकार के काम पर ऊंगली उठाने से कांग्रेस के लिए चुनाव में विकास के मुद्दे को उठाना मुश्किल हो सकता है. इधर कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी जब कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बार-बार सवाल खड़े कर रहे थे, तो पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह ने बीच में ही उन्हें टोक दिया और कहा कि साढ़े चार साल तक सब साथ थे और अब सीएम बदल गए हैं, तो बदलाखोरी की राजनीति शुरू हो गई.

 

राजस्थान में होना है मंत्रिमंडल विस्तार

गौरतलब है कि अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार 21-22 नवंबर को होना है, ऐसे में राजस्थान और पंजाब में दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हरीश चौधरी का मंत्री पद छोड़ना लगभग तय था.