जालंधर. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की मुख्य परीक्षा तो लोकसभा चुनाव में होनी है इसलिए कार्पोरेशन चुनाव अब ‘आप’ सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद जून/जुलाई 2024 में ही करवाए जाएंगे। इस संंबंध में मुख्यमंत्री भगवंत मान के स्तर पर फैसला लिया जा चुका है।

पंजाब में कार्पोरेशन चुनाव पिछले 6-8 महीने से लगातार किसी न किसी राजनीतिक कारणों से टलते आ रहे हैं। कार्पोरेशन चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पाॢटयों द्वारा अपनी तैयारियां पिछले 2 महीनों से की जा रही थीं। यहां तक कि आम आदमी पार्टी की ओर से भी डा. संदीप पाठक ने पार्टी नेताओं व कार्यकत्र्ताओं के साथ बैठकें कीं।

पहले सरकार ने यह निर्णय लिया था कि राज्य के नगर निगम शहरों जालंधर, लुधियाना, अमृतसर व पटियाला में कार्पोरेशन चुनाव 7 जनवरी को करवाए जाएं और इस संबंध में आम आदमी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं को तैयारियां करने के लिए कहा गया था।

सरकारी हलकों ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का तर्क है कि चूंकि अब लोकसभा चुनाव निकट आ रहे हैं इसलिए आम आदमी पार्टी को कार्पोरेशन चुनावों में कूदने की बजाय अपना ध्यान लोकसभा चुनाव जीतने की तरफ लगाना चाहिए।

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भगवंत मान के करीबियों का मानना है कि मुख्यमंत्री की सोच है कि लोकसभा चुनाव इस समय पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। कार्पोरेशन चुनाव तो कभी भी करवाकर सत्ताधारी पार्टी जीत सकती है। ऐसी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री की रणनीति अब लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत प्रत्याशियों को ढूंढना और राज्य की सभी लोकसभा सीटों को लेकर तैयारियां करने तक सीमित हो गया है। संभवत: मुख्यमंत्री द्वारा आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सभी सीटों पर दौरे भी करवाए जा सकते हैं। इसमें कुछ रैलियां भी शामिल होंगी और कुछ बैठकें वालंटियर्स के साथ होंगी। इनका उद्देश्य पार्टी के जमीनी कार्यकत्र्ताओं को लोकसभा चुनाव के लिए तैयार करना है। पार्टी के नेताओं का भी मानना है कि इस समय हमारे लिए लोकसभा चुनाव सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है।