चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (PCL) के साथ गठबंधन में भाजपा पंजाब की शहरी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी ग्रामीण क्षेत्रों में विधानसभा क्षेत्रों से अपना उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की, लेकिन उन्होंने अभी तक सीट बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा नहीं की है. सूत्रों ने दावा किया कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री के आज भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलने और फॉर्मूले को अंतिम रूप देने की संभावना है.

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पंजाब में एक राजनीतिक ताकत बनने के प्रयास में भाजपा इन शहरी विधानसभा क्षेत्रों को जीतने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रही है.
सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा को सीट बंटवारे में एक बड़ा हिस्सा मिलेगा और उम्मीद है कि वह आधे से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. भाजपा के एक नेता ने कहा कि हमारे पास बहुमत का हिस्सा होगा और अधिकांश विधानसभा सीटें शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्र हैं. तीन दर्जन से अधिक शहरी सीटें हैं और हमें सभी सीटें मिलने की संभावना है. इस महीने की शुरुआत में भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि हमारा गठबंधन पक्का हो गया है, केवल सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है.

 

कैप्टन अमरिंदर सिंह का आज दिल्ली दौरा

गौरतलब है कि पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह आज दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान वे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिसमें पंजाब चुनाव को लेकर चर्चा होगी. इसके अलावा पंजाब में सीट शेयरिंग पर भी बात होगी. अमरिंदर सिंह के अलावा शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के सुखदेव ढींढसा भी दिल्ली पहुंच रहे हैं. उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हो सकती है. अगले साल पंजाब में चुनाव होने हैं, ऐसे में अब संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा, कैप्टन और ढींढसा तेजी से सीट शेयरिंग फाइनल करने में जुटे हैं.

 

सीटों का गणित

सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में BJP शहरों में किस्मत आजमाएगी. पंजाब की कुल 117 सीटों में से 40 शहरी सीटें हैं, जिनमें भाजपा अपने उम्मीदवार उतार सकती है. इसके अलावा 51 सेमी अर्बन सीटों में भी जहां शहरी वोट ज्यादा है, वहां भाजपा का कैंडिडेट होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव ढींढसा की शिअद (संयुक्त) के उम्मीदवार उतारे जाएंगे. इसकी बड़ी वजह ग्रामीण वोट बैंक में इन दोनों नेताओं की पैठ और किसान आंदोलन की वजह से भाजपा के विरोध से बचना होगा.