सड़क हादसे में घायल होने वालों की जान बचाने के लिए पंजाब सरकार एक नई पहल शुरू करने जा रही है। अब फरिश्ते स्कीम के तहत हादसे के पहले 48 घंटों में सभी पीड़ितों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि चाहे व्यक्ति कहीं का भी रहने वाला हो, पंजाब सरकार की ओर से सड़क दुर्घटना के सभी पीड़ितों के साथ एक समान व्यवहार किया जाएगा। हादसे के पहले 48 घंटों के दौरान निजी अस्पतालों सहित पास के अस्पतालों में फ्री इलाज को यकीनी बनाया जाएगा।

मगसीपा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह लीड एजेंसी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा करवाए एक समागम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क हादसे के पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने वाले व्यक्ति को सम्मान पत्र और 2000 रुपये से सम्मानित किया जाएगा। सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल लेकर आने वाले व्यक्ति से अस्पताल अधिकारी या पुलिस की तरफ से तब तक कोई पूछताछ नहीं की जाएगी। जब तक वह खुद अपनी मर्जी से चश्मदीद गवाह नहीं बनना चाहता।

उन्होंने लोगों को एंबुलेंस को रास्ता देने और अपने वाहनों में हमेशा फस्ट ऐड किट रखने की भी अपील की। लीड एजेंसी के डायरेक्टर जनरल आर. वेंकटरत्नम ने कहा कि पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ट्रॉमा केयर डॉक्टरों और पैरा मेडीकल स्टाफ को ट्रेनिंग देने के लिए पीजीआई के साथ समझौता करेगी। एडीजीपी अमरदीप सिंह राय ने कहा कि पंजाब सड़क सुरक्षा बल-सड़क सुरक्षा को समर्पित विशेष टीम की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बनने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसके अंतर्गत नये हाई-टेक वाहन मुहैया करवाए जाएंगे और पुलिस कर्मचारियों के लिए अलग वर्दी तैयार की गई है।


15 मिनट में उपलब्ध होगा वाहन

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकारी और निजी सभी एंबुलेंस को ओला/उबर की तर्ज पर आपस में जोड़ा जाएगा। इससे हादसे के समय लोगों को 15 मिनट के अंदर वाहन उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम राज्य मार्गों पर स्थित सरकारी अस्पतालों की भी शिनाख्त कर रहे हैं जिससे मजबूत क्रिटीकल केयर यूनिटों की स्थापना करके लोग सरकारी स्वास्थ्य सहूलतों पर विश्वस्तरीय इलाज सुविधाओं का लाभ ले सकें।