चंडीगढ़। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पंजाब सरकार ने किसानों के बीच फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के वितरण में राज्य के कृषि विभाग द्वारा पकड़े गए घोटाले की सतर्कता जांच शुरू की है. मामले को गंभीरता से लेते हुए कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने निर्देश दिया है कि मामले की गहन जांच कर फाइल को मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास जांच के लिए भेज दिया गया है.

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक फसल अवशेषों (CRM) के इन-सीटू प्रबंधन के लिए कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने वाली केंद्रीय क्षेत्र योजना लागू की गई थी. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों, पंजीकृत किसान समूहों, सहकारी समितियों और पंचायतों को 90,422 विभिन्न मशीनें प्रदान की गई हैं. इन मशीनों में से 83,986 मशीनें कृषि विभाग और शेष मशीनें पंजीकृत सहकारी समितियों द्वारा प्रदान की गईं.

भौतिक सत्यापन के निर्देश

धालीवाल ने कहा कि इस योजना के बारे में कई हल्कों से रिपोर्ट मिलने के बाद कि योजना के तहत सब्सिडी पर प्रदान की गई मशीनें पात्र किसानों को उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, उन्होंने विभाग को मशीनों के कब्जे का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई 83,986 मशीनों में से 79,295 मशीनों का भौतिक सत्यापन 16 अगस्त तक किया जा चुका है, जो कुल मशीनों का 94.4 प्रतिशत है.

150 करोड़ रुपये का दुरुपयोग

इन सत्यापित मशीनों में से 11,275 मशीनें (13 प्रतिशत) लाभार्थियों के पास उपलब्ध नहीं हैं. धालीवाल ने कहा कि विभाग द्वारा प्रारंभिक जांच के दौरान ऐसा प्रतीत होता है कि 125 से 150 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया है. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं.

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