चंडीगढ़. पंजाब सरकार को 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों और लाइब्रेरियनों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें नई भर्ती होने तक इन नियुक्तियों को जारी रखने की अनुमति मांगी गई थी।

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस फैसले की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर साझा करते हुए कहा कि इससे सरकारी कॉलेजों में छात्रों की शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार इन 1158 भर्तियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करने की प्रक्रिया में है और अपना पक्ष मजबूती से रखेगी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को इन 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती रद्द कर दी थी। ये प्रोफेसर वर्षों से विभिन्न संस्थानों में पढ़ा रहे थे, और इस फैसले से उनका करियर प्रभावित हो रहा था। साथ ही, सरकार को भी चिंता थी कि इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित होगी।

इसके बाद पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि नई भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक इन शिक्षकों को पढ़ाने की अनुमति दी जाए। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को मंजूरी दे दी है। इससे न केवल शिक्षकों को राहत मिली है, बल्कि सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई का सिलसिला भी निर्बाध जारी रहेगा।