जालंधर. पंजाब में दशकों से चल रहा रजिस्ट्री लिखने का स्टाइल अब बदल गया है क्योंकि पंजाब सरकार ने आज रजिस्ट्री लिखने को लेकर नया फॉर्मेट लागू कर दिया है। अब इस नए फॉर्मेट को भरने के बाद ही राज्य भर की तहसीलों और सब तहसीलों में रजिस्ट्री अप्रूवल के लिए पेश हो सकेगी।

पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग (अष्टम एवं पंजीयन शाखा) ने आज राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों को फॉर्मेट की कापी भेजते हुए निर्देश जारी किए हैं कि पंजाब राज्य में आम जनता की सुविधा के लिए संपत्ति के पंजीकरण के समय स्टाम्प पेपर पर उपयोग की जाने वाली भाषा के सरलीकरण किया गया है। इसके साथ ही संपत्ति की रजिस्ट्रियां/सेल डीड दौरान सरल पंजाबी भाषा का प्रयोग किया जाए।


उल्लेखनीय है कि नए फॉर्मेट में प्रॉपर्टी के विक्रेता, खरीदार व गवाहों के विवरण के अलावा सहित प्रॉपर्टी का विवरण के अलावा अन्य जानकारियों के लिए अलग-अलग कॉलम बने हुए हैं। फॉर्मेट में रजिस्ट्री लिखने वाले अर्जीनवीस के लाइसैंस नंबर, तस्दीक करने वाले नंबरदार को भी समूचा विवरण दर्ज करने के कॉलम बने है। हालांकि नए फॉर्मेट में शामिल लगभग सभी विवरण पहले भी रजिस्ट्री दस्तावेजों में लिखा जाता रहा है, परंतु अर्जीनवीस अब तक ऐसा ही समूचा विवरण रनिंग पैराग्राफ में लिखते रहे हैं। लेकिन पहले रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेज लिखने दौरान उर्दू व फारसी के शब्दों का उपयोग होता रहा है।

The Punjab government

जिक्रयोग्य है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रॉपर्टी संबंधी दस्तावेज को लिखने दौरान सरल पंजाबी भाषा का उपयोग करने को लेकर संबंधित विभाग को निर्देश दिए थे। क्योंकि अक्सर सामने आता रहा है कि अर्जीनवीस द्वारा लिखे दस्तावेज में बरसों से शामिल किए जाने वाले कुछ शब्द उर्दू व फारसी के होते थे, जिनके बारे में आम जनता तो क्या रैवेन्यू अधिकारी भी पूरी तरह से अंजान रहे है। परंतु अब नए फॉर्मेट के बाद जनता को रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेज पढ़ने व समझने में कोई दिक्कत पेश नही आएगी।