लुधियाना. पंजाब सरकार फैक्टरी लाइसेंस फीस को चार गुना बढ़ाने की योजना बना रही है. फिलहाल पंजाब में फैक्टरी लाइसेंस फीस 450 रुपये से लेकर 45,000 रुपये तक है, जो श्रेणी के अनुसार लागू होती है.


सरकार का प्रस्ताव है कि इस शुल्क को बढ़ाकर 1600 रुपये से 1,58,300 रुपये तक किया जाए, जो वर्तमान शुल्क का लगभग चार गुना है. इस प्रस्ताव से उद्योगपतियों में नाराजगी है. उनका कहना है कि इंडस्ट्री पहले से ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है और इस अतिरिक्त बोझ को सहन करना मुश्किल होगा. इसलिए इस प्रस्ताव को वापस लिया जाए.


चेयरमैन के.के. सेठ ने कहा कि उद्योगों पर लगातार अतिरिक्त बोझ डालने से पंजाब में उद्योग का विकास नहीं हो सकेगा. इसलिए इस फैसले को तुरंत खारिज किया जाना चाहिए.
फिको के अध्यक्ष गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि प्रस्तावित शुल्क एक असंगत बदलाव है. पंजाब में उद्योग पहले से ही मुश्किल स्थिति में हैं क्योंकि अन्य राज्य उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षक पैकेज पेश कर रहे हैं. यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के चेयरमैन चरणजीत सिंह विश्वकर्मा ने कहा कि पंजाब में उद्योग पहले से ही बंदरगाहों के पास के राज्यों के औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ हैं और अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क से पंजाब में उद्योग के लिए स्थिति और भी कठिन हो जाएगी.