चंडीगढ़. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार ने संसाधनों का घोर दुरुपयोग करके और राज्य को अभूतपूर्व भारी ऋण के बोझ से दबाकर राज्य को आर्थिक पतन के कगार पर धकेल दिया है.

चुघ ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र की मांग करते हुए कहा कि अगर गिरावट कुछ और समय तक जारी रही तो पंजाब को वित्तीय आपातकाल घोषित करना पड़ सकता है जैसा कि श्रीलंका पाकिस्तान में हुआ था. उन्होंने पंजाब की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से चौपट करने के लिए भगवंत मान सरकार को जिम्मेदार ठहराया.


उन्होंने कहा कि केंद्रीय करों में पंजाब का हिस्सा 2022-23 में 14 हजार करोड़ रुपए से लगातार बढ़ रहा है और चालू वित्त वर्ष में 22 हजार करोड़ रुपए हो गया है, ऋण-जीडीपी अनुपात खतरनाक ऊंचाइयों को छू गया है. भारतीय रिजर्व बैंक की इसे 32 फीसदी तक रखने की सिफारिश के विपरीत, पंजाब ने राज्य पर लापरवाही से कर्ज बढ़ाकर इसे 45 फीसदी तक पहुंचा दिया है.
पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य ने 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, लेकिन पंजाब पर कुल कर्ज 3.7 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. इसके अलावा, पूंजीगत व्यय 2022-23 में 10354 करोड़ रुपए से घटाकर 2024-25 में 7445 करोड़ रुपए कर दिया गया है. इससे स्पष्ट होता है पंजाब की आप सरकार के पास विकास के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं है.


उन्होंने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि ग्रामीण और लघु उद्योगों के लिए आवंटन 2023-24 में 385 रुपए से घटाकर 2024-25 में 126 करोड़ रुपए कर दिया गया है. इसी तरह, सड़कों और पुलों के आवंटन में 2023-24 में 295 करोड़ रुपए से भारी कटौती करके 2024-25 में 192 करोड़ रुपए कर दिया गया है. यहां तक कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के आवंटन में भी लगभग 100 करोड़ रुपए की कटौती की गई है.