कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के खुशखबरी है. सरकार बनने से पहले सत्ताधारी पार्टी ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, जिसे अब पूरा किया जा रहा है. राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

पंजाब में सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी ने कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए एक पॉलिसी बनाई थी. उसी के तहत अब कर्मचारियों को रेगुलर किया जा रहा है. सरकार ने कानूनी विवाद से बचने के लिए बीच का रास्ता निकालते हुए कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए पिछले साल अक्टूबर में एक पॉलिसी तैयार की थी. पॉलिसी के तहत पिछले साल नवंबर महीने से आगे 3 महीने के भीतर शिक्षा विभाग के पोर्टल पर कच्चे (अनियमित) अध्यापकों और कर्मचारियों से पॉलिसी की शर्तों के अनुसार रेगुलर (नियमित) होने लिए स्वीकृति मांगी थी.

इन दस्तावेजों की होगी जरुरत

नियमित होने जा रहे कर्मचारियों के दस्तावेज की जांच करने के लिए हर जिले में एक कमेटी गठित की गई है. जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर स्कूलों के प्रिंसिपल भी शामिल हैं. कमेटी जन्म प्रमाण सर्टिफिकेट, शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र, अपॉइंटमेंट लैटर, खंड शिक्षा अधिकारी प्रमाणित हाजिरी सर्टिफिकेट, सर्विस में किसी तरह की कोई न होने संबंधी DDPO से जारी सर्टिफिकेट, DDPO से किसी भी जांच-पड़ताल न होने संबंधी NOC, ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी दी हुई स्वीकृति फार्म के साथ-साथ स्वयं का घोषणापत्र को चेक करेंगे.

10 साल से नौकरी कर रहे कर्मचारी होंगे रेगुलर

सरकार की नई पॉलिसी के मुताबिक शिक्षा विभाग में काम कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए सरकार ने 10 साल रेगुलर नौकरी की शर्त रखी है.10 साल लगातार काम कर रहे शिक्षक और कर्मचारी ही रेगुलर होने के लिए पात्र होंगे. शुक्रवार से जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में अध्यापकों के सारे नौकरी संबंधी और शैक्षिक दस्तावेज लिए जाएंगे और उनकी जांच होगी.