चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने शहीदों के परिवार, युद्ध में अपाहिज हुए फौजियों और वीरता पुरस्कार विजेता जवानों के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। आज से सरकार इनके घर-घर जाकर उनकी समस्याओं और दुखों का निपटारा करेगी। इसकी शुरुआत कारगिल विजय ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों के परिवारों और अपाहिज फौजियों से की गई है। डिफेंस सर्विसेज वेलफेयर डायरेक्टोरेट, जीसीओ और अन्य कर्मचारियों की विशेष टीमें इस कार्य के लिए गठित की गई हैं, जिन्हें मैदान में तैनात किया गया है।
इन टीमों को समस्याओं को सुनने-समझने और संबंधित विभागों में उनके निपटारे के दौरान उनकी भूमिका की स्पष्ट जानकारी दी गई है। इन टीमों की रिपोर्ट डायरेक्टोरेट में संकलित की जाएगी, जिसे बाद में सरकार को सौंपा जाएगा।कारगिल ऑपरेशन के दौरान पंजाब के 65 फौजी शहीद हुए थे, जबकि 22 जवान गंभीर रूप से घायल होकर अपाहिज हो गए। साथ ही, 28 फौजियों को उनकी शौर्यता के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सरकार ने पहले भी इन जवानों को विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित किया है, लेकिन अब यह नई पहल इनके घर जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए शुरू की गई है।शहीदों के परिवारों और अपाहिज फौजियों की समस्याएं केवल रक्षा मामलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पेंशन, लाभ, स्वास्थ्य सुविधा, कैंटीन सुविधा और वेलफेयर जैसे कई सरकारी मामलों में उलझी रहती हैं।

इनमें से कई कार्य सरकारी दफ्तरों, तहसीलों और कोर्ट में अटके रहते हैं, जिससे शहीदों की विधवाओं को विशेष रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए टीमें हर जिले में हर तीन महीने बाद होने वाली बैठक में डीसी और एसपी के समक्ष इन्हें रखेंगी।इस पहल से शहीदों के परिवारों और अपाहिज फौजियों को भटकना नहीं पड़ेगा, और उनकी समस्याओं का त्वरित निपटारा सुनिश्चित होगा।
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