चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को फिर से साबित करते हुए फतेहगढ़ चूड़ियां में रजिस्ट्री क्लर्क जसविंदर कौर को महज तीन घंटे में निलंबित कर दिया। क्लर्क पर लोगों को परेशान करने और उत्पीड़न का आरोप था। यह कार्रवाई आम आदमी पार्टी (AAP) के एक वॉलंटियर की शिकायत के बाद की गई, जिसने पार्टी नेताओं को एक वीडियो क्लिप के जरिए मामले की जानकारी दी।

AAP वॉलंटियर की शिकायत के आधार पर जिला प्रमुख ने वीडियो क्लिप राज्य के मंत्री हरदीप मुंडिया को भेजी। मंत्री ने तुरंत मामले की जांच की और कठोर कार्रवाई के आदेश दिए, जिसके बाद क्लर्क को निलंबित कर दिया गया। सरकार ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निलंबन के साथ ही क्लर्क के खिलाफ विस्तृत जांच भी शुरू कर दी गई है। जिला अध्यक्ष ने कहा, “AAP सरकार और पिछली सरकारों की कार्यशैली में बड़ा अंतर है। हमारी सरकार जनता की मदद के लिए हमेशा तत्पर है।” उन्होंने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार के सख्त रुख का उदाहरण बताया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सिलसिलेवार कार्रवाइयां

पंजाब सरकार का भ्रष्टाचार के प्रति कड़ा रवैया केवल इस मामले तक सीमित नहीं है। हाल ही में, 4 जून को फरीदकोट के DSP (क्राइम अगेंस्ट वूमेन) राजनपाल को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर एक वैवाहिक विवाद से जुड़ी शिकायत को दबाने के लिए उच्च अधिकारियों को 1 लाख रुपये की रिश्वत देने की कोशिश का आरोप था। इसके अलावा, 28 जून को जेल विभाग के 25 अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में निलंबित किया गया था।