चंडीगढ़। पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को लाल किले में हुए प्रकरण में किसानों के साथ खड़ी है. किसानों के संबंध में गठित विधानसभा कमेटी ने 60 किसानों के बयान ले लिए हैं, वहीं 40 किसानों का बयान लेने की तैयारी कर रही है. कमेटी की सिफारिश पर किसानों को कानूनी मदद के साथ मुआवजा देने का फैसला लेगी.

गौरतलब है कि 26 जनवरी को तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड निकालते हुए दिल्ली पुलिस के तय रूट को छोड़कर लाल किले की ओर बढ़ गए थे, जहां उन्होंने निशान साहिब फहराने के साथ काफी देर तक हुड़दंग मचाया था. इसके अलावा पुलिस के साथ मारपीट भी की थी. इस पर दिल्ली पुलिस ने कई किसानों व युवा प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज किया है.

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पंजाब सरकार ने इन किसानों की मदद के लिए कुलदीप वैद की अगुवाई में विधानसभा सदस्यों की कमेटी बनाई है. कुलदीप वैद ने बताया कि अभी तक हम 60 किसानों के बयान रिकार्ड कर चुके हैं, और लगभग 40 और किसानों के बयान लिए जाने हैं. इनमें से कई किसान गरीब परिवारों से हैं, उन्हें कानूनी सहायता की जरूरत है. इसके अलावा कमेटी इन्हें मुआवजा देने की भी सिफारिश करेगी. इस बारे में मुख्यमंत्री से भी चर्चा की जाएगी.

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विधानसभा कमेटी में शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विधायक शामिल हैं. इससे पहले राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे जिन किसानों की जान गई है, उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी और पांच लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया था. ऐसे 220 किसानों के केस तैयार कर लिए गए हैं और उन्हें जल्द ही नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे.

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