हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार चुनाव ईवीएम से करवाया जाएगा। एग्जीक्यूटिव मेंबरों का चुनाव पुरानी प्रक्रिया के तहत ही होगा।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब चुनावी रण तैयार हो चुका है। 15 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए इस बार प्रधान पद के लिए पांच दावेदार मैदान में हैं जबकि महासचिव पद के लिए दो उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर होगी।

इस बार चुनाव में प्रधान पद के लिए एनके बांका, ओंकार सिंह बटलवी, सपन धीर, विकास मलिक व चौहान सतविंदर सिंह सिसौदिया मैदान में हैं। उप प्रधान पद के लिए निलेश भारद्वाज, जसदेव सिंह बराड़ व गौतम भारद्वाज के बीच मुकाबला होगा। इस बार महासचिव पद के लिए दो उम्मीदवार हैं और ऐसे में स्वर्ण सिंह तिवाना और विक्रांत के बीच सीधी टक्कर होगी।

संयुक्त सचिव पद पर इस बार चार उम्मीदवार हैं और इस पद के लिए किरणदीप कौर, रोजी, भाग्यश्री सेतिया व प्रवीण दहिया के बीच मुकाबला होगा। कोषाध्यक्ष पद के लिए हरविंदर सिंह मान व सन्नी नामदेव के बीच टक्कर होगी। महिला सदस्य पद के लिए प्रतिभा यादव व रिंकी सिंघानिया के बीच आमने सामने की टक्कर होगी। डेजिगनेटिड सीनियर मेंबर के दो पदों पर निर्विरोध सीनियर एडवोकेट जीएस बल और राकेश नेहरा को चुना गया है।

गत वर्ष हाईकोर्ट बार चुनाव में मतों की गणना को लेकर विवाद हुआ था, जिसको लेकर मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसी के चलते इस बार मतदान ईवीएम से करवाने की मांग की गई थी। इस मांग को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट बार चुनाव के लिए पंचकूला से ईवीएम मांगी गई थी। ईवीएम की मांग को मंजूरी मिल गई है और ऐसे में अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार चुनाव ईवीएम से होंगे।

नोटा का विकल्प

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने बार चुनाव के लिए गठित चुनाव समिति से चुनाव में नोटा (नन ऑफ द अबव) को लागू करने की मांग की है। चुनाव समिति के साथ ही उन्होंने बार काउंसिल को भी अपनी इस मांग को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मतदाता को अधिकार है कि वह अपनी पसंद के उम्मीदवार को चुने और यदि उसे कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है तो उसे नोटा पर वोट डालने का अधिकार दिया जाना चाहिए।