पुलिस कार्रवाई में व्यक्ति के धर्म या जाति के जिक्र को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट Punjab-Haryana High Court ने गंभीरता से लिया और इसे गलत करार देते हुए हरियाणा के डीजीपी को इस प्रथा को रोकने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया है।
अगली सुनवाई पर उन्हें इसके लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा हाईकोर्ट में देना होगा। इससे पहले हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को एफआईआर में आरोपियों का धर्म या जाति लिखने से रोका था।
अंबाला निवासी महिला ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी। केस को मध्यस्थता के लिए भेजते हुए हाईकोर्ट ने महिला को अग्रिम जमानत दे दी लेकिन इस मामले में पुलिस की कार्रवाई के दौरान उसके धर्म का जिक्र करने पर संज्ञान ले लिया।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई में आरोपी या अन्य पक्षों की जाति या धर्म का जिक्र अनावश्यक है। इसी तरह का मामला पंजाब में भी उठा था। तब हाईकोर्ट के संज्ञान पर पंजाब के एआईजी (लिटिगेशन) ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने हलफनामा दायर किया था और बताया था कि पंजाब के डीजीपी ने सर्कुलर जारी कर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आपराधिक मामलों की कागजी कार्रवाई में व्यक्ति के धर्म या जाति का उल्लेख न किया जाए। साथ ही डीजीपी ने भी सुधारात्मक कदम उठाने के संबंध में हाईकोर्ट के समक्ष एफिडेविट दाखिल किया था।
इनके आधार पर हाईकोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को एफिडेविट दाखिल कर कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में किसी भी पुलिस कार्रवाई के दौरान आरोपी का धर्म या जाति न लिखी जाए। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि हरियाणा राज्य द्वारा पंजाब राज्य की तर्ज पर इस संबंध में क्या सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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