अमृतसर. पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद के बीच, चंडीगढ़ में रविवार को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र से पहले कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक सेक्टर-39 में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सभी कांग्रेस विधायक मौजूद थे और फैसला लिया गया कि जल विवाद के मुद्दे को विधानसभा सत्र में जोरदार ढंग से उठाया जाएगा।
बैठक के बाद डिप्टी सीएलपी लीडर अरुणा चौधरी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि पंजाब-हरियाणा जल विवाद पर चर्चा के लिए सीएलपी की बैठक हुई, जिसमें विधानसभा सत्र से पहले विस्तृत रणनीति बनाई गई। उन्होंने कहा, “हम पंजाब के हितों की रक्षा के लिए एकजुट हैं.
इससे पहले, 2 मई को पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें छह पार्टियों को आमंत्रित किया गया था। आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर अन्य पार्टियों के प्रमुख इस बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है और पंजाब से एक बूंद पानी भी किसी अन्य राज्य को नहीं दिया जाएगा।

हालांकि, रविवार सुबह हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब सरकार को इस विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया और कई आरोप लगाए। इसके जवाब में आप सांसद मालविंदर सिंह कंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में पंजाब सरकार का समर्थन किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि अब कांग्रेस का रुख बदलने का क्या मतलब है और यह तय करना चाहिए कि सही कौन है।
- यूपी में लू का कहर : 48 घंटे में 8 लोगों की गई जान, लखनऊ में 2 कर्मचारी हीटस्ट्रोक से मरे
- काल बनकर दौड़ी फायर ब्रिगेड की गाड़ी: 6 लोगों को कुचला, पिता-पुत्र समेत तीन की मौत, 3 घायल
- ईरान-इजरायल युद्ध का असर: ईरानी एयरस्पेस बंद होने से एयर इंडिया की 15 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें डायवर्ट, देखें सूची
- CG News : गांव में डायरिया का प्रकोप, 20 से अधिक पीड़ित, 3 लोगों की मौत
- Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने व्यवसायियों को लालू राज की दिलाई याद, कहा- ‘2005 के पहले जब राजनेताओं के घर मांगलिक कार्य होता था, तो व्यवसायियों के घर मातम मानता था’