लुधियाना. लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी और बहुजान समाज पार्टी में उम्मीदवारों को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. हालांकि आप जो 13 सीटों पर अकेले-चुनाव लड़ रही है, उसने अपने 8 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. अन्य 5 उम्मीदवारों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
कांग्रेस पार्टी, जिसने पंजाब की भी सभी सीटों पर अकेले चुनाल लड़ने जा रही है. लेकिन अब तक अपने उम्मीदवारों की कोई घोषणा नहीं कर पाई है. प्रदेश कांग्रेस नेताओं की नजर दिल्ली की ओर लगी है कि हाईकमान इस संबंध में फैसला कर उम्मीदवारों का ऐलान करे. पंजाब में चुनाव 7वें चरण में होना है. इसलिए वह किसी जल्दबाजी में नहीं है. उम्मीदवारों की घोषणा में देरी का एक कारण पंजाब कांग्रेस की धडेबंदी बताया जा रहा है. कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेता एक-दूसरे के विरुद्ध सियासी हमले का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते है.
बहुजन समाज पार्टी की बात करें तो इस बारे में फैसला पार्टी सुप्रीमो मायावती ने करना है कि प्रदेश की कितने उम्मीदवारों को उतारना है. फिलहाल मायावती उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों उम्मीदवारों के चयन में व्यस्त हैं. अकाली दल और भाजपा लीडरशिप भी प्रस्तावित गठबंधन को लेकर असमंजस में है. जानकारों का कहना है कि भाजपा हाईकमान फिलहाल दूसरे प्रदेश में पहले हो रहे चुनाव को लेकर व्यस्त है. अकाली भाजपा गठबंधन की चर्चा पिछले काफी समय से हो रही है. लेकिन किसान आंदोलन के कारण इस की घोषणा में देरी हो रही है. भाजपा नेताओं का मानना है कि यदि इस गठबंधन की घोषणा अभी की जाती है तो भाजपा को दूसरे प्रदेशों में हो रहे चुनाव में इसका नुक्सान पहुंच सकता है. इसलिए पार्टी चाहती है कि चुनाव का चौथा पांचवा चरण पूरा होने के बाद ही इसकी घोषणा की जाए तो बेहतर होगा.
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