अमृतसर. आम आदमी पार्टी का सियासी किला भेदने के लिए कांग्रेस ने सुखपाल सिंह खैहरा को संगरूर सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया है. इस घोषणा के साथ तय हो गया कि इस सीट पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और सुखपाल सिंह खैहरा आमने- दोनों नेता शब्दों के तीखे तीर चलाते दिखाई देंगे.

पंजाब विधानसभा में दोनों ही नेता आमने-सामने होते रहे हैं और तीखी बहस करते दिखाई देते रहे हैं. लेकिन, सियासी जमीन पर दोनों का आमना-सामना पहली बार होगा. भले ही आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को चुनाव मैदान में उतारा है लेकिन सियासी जानकार यहां शब्दों के सियासी तीरों का मुकाबला मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान बनाम सुखपाल खैहरा के दरमियान मान रहे हैं.

यहां अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान, अकाली दल के एडवोकेट इकबाल सिंह झुंदां और बसपा के डा. मक्खन सिंह चुनाव मैदान में हैं. जबकि भाजपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं. यहां बहुकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं. संगरूर के मतदाता तेज तर्रार नेताओं को सिर आंखों पर बिठाते रहे हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान इस सीट से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं. तेज तर्रार नेता बलवंत सिंह रामूवालिया, सिमरनजीत सिंह मान, विजयइंदर सिंगला को भी मतदाता संसद भवन पहुंचा चुके हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और आप एक मंच पर सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और आप एक मंच (इंडिया गठबंधन) पर हैं. लेकिन, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से दो-दो हाथ करते रहने वाले तेजतर्रार नेता सुखपाल सिंह खैहरा को संगरूर सीट से उतार कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि पंजाब में आप के प्रति कोई साफ्ट कार्नर नहीं है और कहीं भी आप के लिए मैदान खुला नहीं छोड़ने वाली है. बल्कि कांग्रेस के लिए पंजाब की एक-एक सीट का महत्व अहम है. सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस हाईकमान ने लोहे को लोहे से काटने की तर्ज पर खैहरा को मालवा में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गृह क्षेत्र में चुनाव मैदान में उतारा है.

CM Mann vs Khaira