पटियाला. ड्रग्स केस में फंसे अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से पटियाला में एसआईटी द्वारा सवा दो घंटे के आसपास पूछताछ की गई और यह पूछताछ पुलिस लाइन के अंदर हुई. इस दौरान पुलिस लाइन के बाहर उनके समर्थक व सीनियर अकाली नेता बैठे रहे. इससे पहले मीडिया से बातचीत करते हुए मजीठिया ने मांग की कि सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के 22 दिनों के डीजीपी के तौर पर कार्यकाल के दौरान हुए सभी अवैध कामों की जांच की जानी चाहिए.
मजीठिया ने आरोप लगाया कि सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय भगौड़े करार दिए गए अपराधियों को सुरक्षा गार्ड मुहैया करवाकर अपने घर डिनर करवाते थे. चट्टोपाध्याय को यू.पी.एस.सी. ने डीजीपी लगाने से इंकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि चट्टोपाध्याय को सिर्फ 22 दिनों के लिए डीजीपी इसलिए लगाया गया ताकि उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज किया जा सके और सवा 2 साल बीतने के बाद, पुलिस इस केस में चालान नहीं पेश कर सकी है.
उन्होंने कहा कि 22 दिनों में सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही कर बड़ा गुनाह किया था जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पूर्व जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने भी उन्हें दोषी ठहराया था. मजीठिया ने कहा कि उन्हें एसआईटी द्वारा 8 बार बुलाया गया और सिर्फ शहीदी दिन को छोड़कर वह 7 बार पेश हुए हैं. दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी द्वारा 8 बार तलब किए जाने के बावजूद एक बार भी पेश नहीं हुए. बजट पर मजीठिया ने कहा कि मौजूदा सरकार ने बजट में खुद बताया है कि 31 मार्च 2025 तक पंजाब पर कर्ज 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए से पार कर जाएगा.
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