Punjab News:  जालंधर. बस में सफर करने वाले यात्रियों के लिए जरूरी खबर है. दरअसल, पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी द्वारा 19 अप्रेल यानि बुधवार को ‘चक्का जाम’ करने का ऐलान किया है.

 बताया जा रहा है कि पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन द्वारा स्थानीय बस अड्डे में यूनियन के सरप्रस्त कमल कुमार की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मीटिंग की जिसमें लंबित मांगों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया.

 प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों के आहान पर बुलाई गई मीटिंग में वक्ताओं ने कहा कि अधिकारियों के साथ कई बार हुई मीटिंगों में मांगे मानने का आश्वासन दिलवाया जा चुका है, लेकिन फाइलें आगे नहीं बढ़ाई जा रही जिससे कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है.

शमशेर सिंह ने कहा कि नए ठेकेदार को विभाग में प्रवेश दिलवाने के लिए 6 डिपुओं के कर्मचारियों का वेतन रोका गया है. वहीं 28 नए ड्राइवरों का वेतन भी जारी नहीं किया जा रहा. उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल तक सभी कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं किया गया तो 19 अप्रैल को पंजाब के सभी 27 डिपुओं को बंद करके कड़ा संघर्ष किया जाएगा. इस दौरान सरकारी बसों का ‘चक्का जाम’ किया जाएगा.

 शमशेर सिंह ने कहा कि यूनियन द्वारा फिलहाल 1 दिन के लिए डिपो बंद करने का फैसला लिया गया है और यदि नेताओं ने कहा तो इस रोष प्रदर्शन को आगे बढ़ाया जाएगा. मीत प्रधान दलजीत सिंह जल्लेवाल, सतपाल सिंह सत्ता , ज्वाइंट सचिव जलौर सिंह, जोध सिंह ने कहा कि इसी कड़ी के अन्तर्गत 24 अप्रैल को जालंधर में पब्लिक मीटिंग करके भ्रष्ट विभागीय अधिकारियों के नाम सबूतों के साथ सार्वजनिक किए जाएंगे. जल्लेवाल व सत्ता ने कहा कि इस दौरान भी सरकार ने कोई कदम न उठाया तो 26 अप्रैल महानगर जालंधर में जुलूस निकालते हुए रोष प्रदर्शन किया जाएगा. शमशेर सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस दौरान भी विभागीय अधिकारियों की नींद नहीं खुली तो यूनियन सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट बसों का चक्का जाम करने को मजबूर हो जाएगी. इसी क्रम में 27 के बाद फैसला लिया जाएगा व बिना पूर्व सूचना के बस अड्डों के प्रवेश द्वार बंद करवा दिए जाएंगे.

5 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी मांगी, किलोमीटर बसें डालने का विरोध

यूनियन नेता शमशेर सिंह, दलजीत सिंह, सतपाल सिंह सत्ता ने कहा कि पिछली सरकार के समय कर्मचारियों के वेतन में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी, इसके बाद सरकार बदलने पर वेतन बढ़ोत्तरी की फाइल पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया गया. यूनियन कर्मचारियों को परेशान करने के वेतन में 5 प्रतिशत बढ़ोत्तरी रोकी गई है, उसे जल्द दिया जाए. उन्होंने कहा कि किलोमीटर स्कीम की बसें डालने का सरकार द्वारा जो फैसला लिया गया है उससे विभाग को बड़ा नुक्सान होगा और फैसले का विरोध किया जाएगा.

नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को बहाल किया जाए

वक्ताओं ने कहा कि पिछले समय के दौरान छोटी-छोटी रिपोर्ट के आधार पर सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. उक्त कर्मचारियों को चेतावनी देकर यां जुर्माना लगाकर काम करने का मौका दिया जाना चाहिए था. विभाग ने इसके विपरीत जाकर कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया. वक्ताओं ने कहा कि तुरंत प्रभाव से कर्मचारियों को नौकरी पर वापस रखा जाए. वहीं भविष्य में छोटे-छोटे केसों के लिए सजा निर्धारित की जाए. नौकरी से निकालने के नियम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.