लुधियाना. देशभर के औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है. पंजाब का प्रमुख औद्योगिक शहर लुधियाना देश के प्रदूषित शहरों में शुमार है. प्रदूषण कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं. इसमें सरकार, एनजीओ और समाजसेवी संगठन अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं औद्योगिक इकाइयां भी अब सोलर पावर और सोलर तकनीक को अपना रही हैं. महंगे पेट्रो उत्पादों के कारण भी उद्यमियों का फोकस अब सोलर पावर पर है.
सोलर पावर से जहां प्रदूषण घटेगा, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा. उद्यमी ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट पर भी काम कर रहे हैं. सोलर पावर अपनाकर उद्योग ईको फ्रेंडली बन रहे हैं. शहर में प्रमुख औद्योगिक घरानों हीरो, एवन, रालसन, ओसवाल, वर्धमान, ईस्टमैन समेत कई अन्य उद्योग भी सोलर पावर को अपनाने लगे हैं. शिक्षण संस्थानों और घरों पर भी अब सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं. बायलर में अभी डीजल, फर्नेस आयल, पेट कोट एवं धान के छिलके को फ्यूल के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. इससे प्रदूषण अधिक होता है.
अब विकल्प के तौर पर सोलर सिस्टम अपनाया जा रहा है. अभी इसकी संख्या काफी कम है. सोलर पैनल लगाने से प्रदूषण भी कम होगा. इंडस्ट्री में ज्यादातर सोलर पावर का उपयोग ग्रिड आधारित हो रहा है. इसमें जितनी सोलर पावर पैदा होती है, वह पावरकाम को आपूíत की जाती है. उसके बदले में उतना बिजली बिल कम हो जाता है. इंडस्ट्री में एक मेगावाट तक के सोलर प्लांट लग रहे हैं. 10 किलोवाट के प्लांट पर 45 हजार रुपए प्रति किलोवाट के हिसाब से लागत आती है.