चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह सामने आने के एक दिन बाद पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने वीरवार को अपने विरोधियों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर सौ कांग्रेसी भी पार्टी की विचारधारा का प्रचार करने के लिए इकट्ठा होते हैं, तो उन्हें बहुत खुशी होगी. नवजोत सिद्धू ने कहा कि मुझे पार्टी के किसी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था.
उल्लेखनीय है कि, नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को बठिंडा में सिद्ध की 17 दिसंबर की रैली का जिक्र करते हुए कहा था कि सिद्धू को अपना मंच स्थापित करने की जगह पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए था. सिद्धू ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन हमेशा उनके साथ देखे जाने वाले पांच पूर्व विधायकों ने भी सवाल उठाया तो उन्होंने पलटवार किया. पूर्व विधायकों ने आलाकमान से मांग की है कि सिद्धू को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए, क्योंकि वह अकसर पार्टी के हितों के खिलाफ काम करते हैं.
इस पर सिद्धू ने एक्स पर लिखा- मुझे बहुत खुशी होगी अगर कांग्रेस की विचारधारा, पंजाब के पुनरुद्धार के एजेंडे का प्रचार करने और वर्तमान सरकार को जन कल्याण के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए 100 कांग्रेसी भी एक गांव या शहर में इकट्ठा हों. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नेता कौन है. अधिक से अधिक लोगों के शामिल होने से जमीनी स्तर पर नेतृत्व का निर्माण होगा. 8,000 समर्थकों के लिए बाधा क्यों बने और सुविधा क्यों न दें? क्या पंजाब के लोग आपकी पार्टी के एजेंडे में विश्वास करते हैं और आपको एक विकल्प के रूप में मानते हैं? यह सब मायने रखता है.
इस बीच, वीरवार को जगराओं में एक पार्टी कार्यक्रम में पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि अनुशासन किसी भी संगठन या किसी भी पार्टी के लिए आवश्यक है.
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