चंडीगढ़. पंजाब पुलिस अधिकारियों के हाईकोर्ट के दौरे कम करने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार व डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.


हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में कोर्ट को बताया गया कि लगभग 600 पुलिस अधिकारी आपराधिक मामलों के सिलसिले में रिकार्ड के साथ हर कार्य दिवस पर हाईकोर्ट परिसर में आते हैं. उनमें से अधिकांश जांच अधिकारी होते हैं. वह हिरासत प्रमाण पत्र पेश करते हैं और संबंधित अदालत द्वारा मांगे जाने पर अन्य प्रासंगिक जानकारी भी देते हैं. जितने दिन वे हाईकोर्ट जाते हैं, जनता पुलिसिंग और मामलों की जांच के लिए उनकी सेवाओं से वंचित रहती है. वहीं, कोर्ट परिसर में भीडभाड हो जाती है. हाईकोर्ट को बताया गया कि हरियाणा में एडवोकेट जनरल कार्यालय ने कुछ प्रोफार्मा तैयार किया है. जिन्हें संबंधित डीएसपी द्वारा भरकर एडवोकेट जनरल हरियाणा के कार्यालय में नोडल अधिकारियों को ऑनलाइन जमा करना होता है.

प्रोफार्मा में आपराधिक मामले के बारे में सभी प्रासंगिक और संभावित जानकारी होती है. इसलिए हरियाणा पुलिस अधिकारी राज्य के वकीलों की सहायता के लिए शायद ही कभी हाईकोर्ट आते हैं. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया पर आधारित बैंच ने पंजाब सरकार व अन्य नोटिस जारी कर कहा कि पंजाब सरकार को भी हरियाणा प्रणाली का अनुकरण करने का प्रयास करना चाहिए. कोर्ट ने इस बाबत अगली सुनवाई पर सरकार को इस बाबत जवाब दायर करने का भी आदेश दिया.

Punjab and Haryana High Court