चंडीगढ़. पंजाब के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बढ़ रही मारपीट की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है. सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत 23 जिलों के सरकारी अस्पतालों में 200 सिक्योरिटी गार्ड तैनात करने का फैसला किया है. ये तैनाती पंजाब एक्स सर्विसमैन कॉरपोरेशन के तहत की जाएगी. इस महीने के अंत तक पूरी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.
डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ीं
पंजाब के सरकारी अस्पतालों में, खासकर इमरजेंसी वार्डों में, डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं. पिछले दो सालों में ऐसी 80 घटनाएं सामने आ चुकी हैं, यानी औसतन हर 10वें दिन मारपीट का मामला दर्ज हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि मोहाली जैसे जिलों में भी ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है, जिसके कारण कई बार वे अपना काम ठीक से नहीं कर पाते.
पिछले साल सितंबर में डेराबस्सी और जालंधर में डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाओं के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल की थी और सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. इसके बाद फैसला लिया गया कि सभी जिलों में हेल्थ सिक्योरिटी बोर्ड द्वारा मेडिकल संस्थानों में सिक्योरिटी ऑडिट किया जाएगा.
आपातकालीन वार्डों में पहले लगाए गए थे कैमरे
सरकारी अस्पतालों में उन स्थानों की पहचान करने के आदेश दिए गए थे, जहां ऐसी घटनाएं ज्यादा हो रही थीं. इसके बाद इमरजेंसी वार्डों में कैमरे लगाए गए थे, लेकिन फंड की कमी के कारण सिक्योरिटी गार्डों की तैनाती नहीं हो पाई थी. अब सरकार ने फैसला किया है कि 31 मार्च 2026 तक इन सिक्योरिटी गार्डों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी.