चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के निलंबित एआईजी मलविंदर सिंह सिद्धू को राहत न देते हुए हाईकोर्ट ने जमानत की मांग खारिज कर दी. जस्टिस अनूप चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एआईजी होते हुए खुद को आईजी विजिलेंस के रूप में पेश किया जो उसकी गलत मंशा जाहिर करता है. मामले में डीईओ का बयान अहम है. याचिकाकर्ता ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र से नौकरी हासिल करने वालों को ब्लैकमेल किया जो अपने आप में जमानत याचिका खारिज करने के लिए पर्याप्त कारण है.

एआईजी मलविंदर ने जमानत याचिका दायर कर कहा कि वे ढाई माह से सलाखों के पीछे हैं. भ्रष्टाचार और पद दुरुपयोग सहित अन्य धाराओं में विजिलेंस ने 30 अक्टूबर 2023 को मामला दर्ज किया था. हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी कॉलेज के क्लर्क जसवंत सिंह ने अपने बयान में कहा कि सह आरोपी बलबीर उसे ब्लैकमेल कर रहा था और उसने एक लिफाफे में 15,000 रुपए लिए थे. लिफाफे पर मलविंदर सिंह एआईजी लिखा हुआ था और इस दौरान मलविंदर मौजूद थे. याचिकाकर्ता की सीडीआर लोकेशन सह आरोपियों के साथ उस स्थान पर मौजूद पाई गई, जो उनकी संलिप्तता को दर्शाता है. साथ ही बताता है कि वह व्यक्तियों को ब्लैकमेल कर रहा था.