Punjab News:  पंजाब में किसानों ने फिर से रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत निकलने वाले हाईवे के लिए किसानों की अधिग्रहण की जमीनों के मुआवजे न मिलने के कारण और गन्ने का बकाया भुगतान न मिलने जैसी मांगों को लेकर किसान फिर से अमृतसर-पठानकोट रूट पर बैठ गए हैं. इसे लेकर पंजाब सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन पर गत तीन महिने पहले बटाला और गुरदासपुर में किए रेल रोको आंदोलन को जत्थेबंदी द्वारा खत्म किया गया था पर सरकार द्वारा मांगों को पूरा न करने पर अब फिर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब द्वारा आज अमृतसर-पठानकोट रेल मार्ग पर बटाला में अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन शुरु किया गया है. 

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं ने बताया कि पिछले तीन महीने किसानों की मांगों को लेकर बटाला और गुरदासपुर में रेलवे ट्रेक रोका गया था उसमें जो तीन नेशनल हाईवे बनने जा रहे हैं, उनमें जो कसानों की जमीनें एक्वायर की जा रही है उनका मुआवजा किसानों को एक जैसा नहीं दिया जा रहा है. दूसरी मांग है कि जिसे से संबंधित किसान जो विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए उनके परिवारों को न तो मुआवजा और न ही सरकारी नौकरियां दी गई हैं. इसके साथ ही गन्ना की पेमेंट जो 15 दिन में दी जानी थी, वह 40 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों को नहीं दी गई.

ये है किसानों की प्रमुख मांगे

भारत माला प्रोजेक्ट में एक्वायर की गई जमीनों का एक सा मूल्य किसानों को नहीं मिला.

किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को न तो मुआवजा और न ही सरकारी नौकरियां दी गई हैं,

गन्ना की पेमेंट जो 15 दिन में दी जानी थी, वह 40 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों को नहीं दी गई.

गन्ने का जो सरकारी रेट 380 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है, उसमें से 330 रुपए गन्ना मिल ने देने होते हैं और बाकी 50 रुपए सरकार ने देने होते हैं, वह भी आज तक नहीं मिले. किसान 380 रुपए एक किश्त में देने की मांग किसानों ने रखी है.