चंडीगढ़. पंजाब की आर्थिकता सही दिशा की तरफ बढ़ रही है और वित्तीय साल 2023-24 के 10 महीनों के दौरान राज्य का वस्तु और सेवा कर (जीएसटी), आबकारी और वेट से प्राप्त राजस्व 30 हजार करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है. यह जानकारी वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने दी. उन्होंने कहा कि जीएसटी और आबकारी से प्राप्त राजस्व में वित्तीय साल 2022-23 के मुकाबले क्रमवार 15.67 प्रतिशत और 10 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया गया.


चीमा ने बताया कि इस साल जनवरी के अंत तक वेट, सीएसटी, जीएसटी, पीएसडीटी और आबकारी से कुल 31003.14 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है, जबकि वित्तीय साल 2022-23 के दौरान 27342. 84 करोड़ रुपए एकत्रित किए गए थे. उन्होंने कहा कि इस तरह राज्य की तरफ से इस कर राजस्व में 13.39 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया गया है.


वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य की वित्तीय हालत सुधारने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में ‘आप’ की सरकार बनने के बाद राज्य ने बेहतर योजनाबंदी और प्रभावी अमलके साथ रिकार्ड राजस्व एकत्रित करने में सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय साल के 10 महीनों में जी.एस.टी से 17354.26 करोड़ रुपए शुद्ध राजस्व और आबकारी से 7370. 49 करोड़ रुपए का शुद्ध राजस्व एकत्रित किया गया. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुकाबले इस वर्ष जीएसटी में 2351.12 करोड़ रुपए और आबकारी से प्राप्त राजस्व में 669.47 करोड़ रुपए का विस्तार दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि इसी दौरान राज्य ने वेट में 10.89 प्रतिशत, सीएसटी में 28.14 प्रतिशत और पीएसडीटी में 5.53 प्रतिशत विस्तार दर्ज करने में सफलता हासिल की है.


वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने लोगों पर कोई नया बोझ डाले बिना पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को यकीनी बना कर यह प्राप्ति हासिल की. उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना करने के अलावा ‘बिल लाओ इनाम पाओ स्कीम’, वन टाईम सैटलमेंट स्कीम, 2023, पंजाब जीएसटी संशोधन एक्ट, 2023, सूचना देने वालों के लिए इनाम स्कीम और अन्य बहुत से उपाय किए हैं.