पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कांट्रैकट कॉन्ट्रैक्टर्स यूनियन ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में 13 से 15 फरवरी तक राज्य भर में हड़ताल करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही, नए ट्रैफिक कानून का विरोध करते हुए 23 जनवरी से बसों में सीटों की संख्या के अनुसार 50 से 52 सवारियां भी बैठाने का फैसला लिया है। कोई भी अतिरिक्त सवारी बसों में नहीं बैठाई जाएगी।

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल और वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष बलविंदर सिंह राठ, हरकेश कुमार विक्की की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के 27 डिपो के कर्मचारी नेताओं ने भाग लिया। बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा सभी प्रयासों के बावजूद कर्मचारियों की लंबित मांगें और जिन मांगों पर सरकार द्वारा सहमति भी दे दी गई है, को पूरा नहीं करने के विरोध में 13 से 15 फरवरी को तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी। नेताओं ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग ने आश्वासन के बाद भी ठेके पर काम कर रहे मुलाजिमों को पक्का नहीं किया है।

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि मुलाजिमों की मांगों के लिए आंदोलन को तेज करते हुए 22 जनवरी को राज्य के सभी बस डिपुओं पर गेट रैलियां की जाएंगी और 26 जनवरी को मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए नए बनाए गए ट्रैफिक कानून पर चिंता जताई गई।

यूनियन के नेताओं ने इस कानून को एकतरफा और वाहन चालकों के लिए घातक बताते हुए इस कानून को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बसों में अतिरिक्त सवारियां बैठाने के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। नया कानून आने के बाद किसी भी हादसे के लिए ड्राइवर को ही दोषी माना जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया कि 23 जनवरी से बसों में केवल 50/52 यात्री ही बैठेंगे। कोई भी बस ओवरलोड नहीं चलाई जाएगी।