चंडीगढ़. भारतीय रेलवे ने पंजाब के लिए अपने बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं में महत्वपूर्ण वृद्धि का अनावरण किया है. यह रेल नैटवर्क के आधुनिकीकरण और क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

पंजाब के रेलवे के लिए बजट आबंटन में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. 2009-2014 के दौरान वार्षिक औसत बजट परिव्यय 225 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए प्रभावशाली 5,147 करोड़ रुपए हो गया है.

बुनियादी ढांचे के विकास पर नजर डालें तो 2009- 2014 के बीच नई पटरियों का औसत वार्षिक निर्माण 29 किलोमीटर से बढ़कर 2014- 2024 की अवधि के दौरान 35 किलोमीटर हो गया है. विद्युतीकरण में भी बड़ा सुधार हुआ है, जिसमें प्रति वर्ष 163 किलोमीटर पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है, जबकि पिछली अवधि में यह केवल 33 किलोमीटर प्रति वर्ष था.

पंजाब में अब अपने रेलवे ट्रैक का 100 फीसदी विद्युतीकरण कर लिया गया है. वर्तमान में, 19,843 करोड़ रुपए के निवेश से कुल 1,158 किलोमीटर में नई पटरियां बनाने के उद्देश्य से 12 परियोजनाएं चल रही हैं. इन परियोजनाओं से राज्य के रेल नैटवर्क और कनैक्टिविटी में वृद्धि होने की उम्मीद है.

इसके अलावा पंजाब के 30 स्टेशनों को अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाना है. इसमें अबोहर, अमृतसर, आनंदपुर साहिब, ब्यास, बठिंडा जंक्शन, ढंडारी कलां, धूरी, फाजिल्का, फिरोजपुर कैंट और गुरदासपुर जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं. 2014 से अब तक कुल 366 रेल फ्लाईओवर और अंडर-ब्रिज का निर्माण किया गया है, जिससे सुरक्षा में सुधार हुआ है.