चंडीगढ़। पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग की अध्यक्ष तेजिंदर कौर ने मुख्य सचिव विनी महाजन को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में जाति आधारित गांवों, कस्बों और अन्य स्थानों के नाम बदलने के अलावा आधिकारिक कामकाज में ‘हरिजन’ और ‘गिरिजन’ शब्द के इस्तेमाल से परहेज करने को कहा है. वर्ष 2017 में राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है.

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‘हरिजन’ और ‘गिरिजन’ शब्दों से बचें

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, आयोग की अध्यक्ष तेजिंदर कौर (आईएएस सेवानिवृत्त) ने कहा कि अनुसूचित जाति से जुड़े विभिन्न संगठनों द्वारा आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि राज्य के अधिकांश गांवों, कस्बों, स्कूलों, मोहल्लों, और गलियों के नाम जाति आधारित हैं, जबकि 28 जुलाई 2017 को एक पत्र में राज्य के सभी प्रमुखों को जारी किया गया था. भारत सरकार ने ये निर्देश दिया था कि सरकारी कामकाज में और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्रों पर हरिजन और गिरिजन शब्द के प्रयोग से बचना चाहिए.

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इस मामले में निजी रूप से हस्तक्षेप करें मुख्य सचिव- अध्यक्ष, एससी पंजाब

अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज और राजस्व, ग्रामीण विकास और पंचायत, स्थानीय सरकार जैसे संबंधित विभागों में हरिजन और गिरिजन शब्दों के इस्तेमाल से परहेज करने के निर्देश जारी किए जाएं. स्कूल शिक्षा और रजिस्ट्रार सहकारी समितियों को गांवों/कस्बों, स्कूलों, मोहल्लों, बस्ती, गलियों, धर्मशालाओं और सोसाइटियों के नाम बदलने को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं.

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