चंडीगढ़. पंजाब के खेल और युवा सेवाओं संबंधी मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने इंफाल में केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा राज्यों के खेल मंत्रियों की करवाई जा रही राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस (चिंतन कैंप) में बोलते हुए राष्ट्रीय खेलों/खेलो इंडिया गेमज़ की मेज़बानी पंजाब को देने की माँग रखी. इस सैशन की अध्यक्षता केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने की.
मीत हेयर ने कहा कि पंजाब ने 2001 में राष्ट्रीय खेलों के बाद कोई भी राष्ट्रीय खेल या खेलो इंडिया गेमज़ की मेज़बानी नहीं की. उन्होंने कहा कि किसी समय पर पंजाब खेल में देश का नंबर एक राज्य था और धीरे-धीरे पिछड़ता गया. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पंजाब को फिर खेल में अग्रणी बनाने के लिए प्रयास कर रही है. यदि पंजाब को राष्ट्रीय स्तर का बड़ा खेल मुकाबला करवाने का मौका मिले तो राज्य में खेल संस्कृति पैदा करने की कोशिशों को और बल मिलेगा.
मीत हेयर ने आगे कहा कि पंजाब सरकार मनरेगा के अधीन गाँवों में खेल पार्क बना रही है और गैप फंडिंग की राशि खेल विभाग दे रहा है. केंद्र सरकार खेलो इंडिया की स्कीमों या अन्य किसी स्कीम के अंतर्गत इस गैप फंडिंग में राज्यों की मदद करें. पंजाब के खेल मंत्री ने चोटों के कारण खिलाड़ियों के खेल जीवन में आती मुश्किलों का जिक्र करते हुये कहा कि अग्रिम राशि के सैंटर ऑफ ऐक्सीलैंसज़ में खिलाड़ियों के लिए इंजरी और रिहैबलीटेशन सैंटर स्थापित किया जाये, जिससे खिलाड़ियों चोटों से उभर सकें.
उन्होंने ओलम्पिक चैंपियन एथलीट नीरज चोपड़ा की उदाहरण दी, जिसको विदेशों में ऐसे सैंटरों से मिली मदद के कारण चोट से उभरने में मदद मिली. मीत हेयर ने कहा कि खेलो इंडिया गेमज़ के विजेता खिलाड़ियों का पुल बनाकर उनको अच्छे केन्द्रों में भेजकर भविष्य के लिए तैयार करना चाहिए. ओलम्पिक, राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों जैसे बड़े मंच के लिए देश के चुनिंदा खिलाड़ियों की तैयारी पर ज़ोर देना लाज़िमी है.
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