पंजाब सरकार अब स्कूली बच्चों के विकास को हर तरिके से समझने की तैयारी में है. सरकार ने साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग से शुरू करवा दी है। टेस्ट में एक ऐसा वैज्ञानिक परीक्षण होता है, जिसके जरिए किसी व्यक्ति की व्यक्तित्व, मानसिक क्षमता, रुचि, सोचने-समझने की क्षमता, भावनात्मक संतुलन और व्यवहारिक गुणों को परखा जाता है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 10वीं की स्टूडेंट्स के साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी। शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर उन कंपनियों से प्रपोजल मांगे हैं जो साइकोमेट्रिक टेस्ट करती हैं। वहीं कंपनियां अपना प्रपोजल दे सकेंगी जिनके पास इस टेस्ट को करने का लाइसेंस हो।
जिला शिक्षा अधिकारी डिंपल मदान ने बताया कि टेस्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि कंपनियां हायर करने के बाद जल्दी ही टेस्ट शुरू करवा दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 10 नवंबर तक प्रपोजल आ जाएंगे।

शिक्षा विभाग ने 10 क्लास की स्टूडेंट के ये टेस्ट 31 मार्च 2025 से पहले करवाने थे लेकिन शिक्षा विभाग स्टूडेंट्स के टेस्ट समय पर नहीं करवा पाया। शिक्षा विभाग ने टेस्ट की प्रक्रिया अब शुरू की है। विभाग का मकसद 10वीं की स्टूडेंट के दिमाग का आंकलन करना है ताकि उनकी योग्यता के हिसाब से उन्हें करियर से संबंधित गाइडेंस दी जा सके।
स्कूल स्तर पर कमेटियां बनेंगी जिनके सामने लड़कियों के टेस्ट करवाए जाएंगे
शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर डीईओ की अगवाई में टीम बनाई है जो कि टेस्ट करने के लिए कंपनियों को हायर करेगी। उसके बाद स्कूल स्तर पर कमेटियां बनेंगी जिनके सामने लड़कियों के टेस्ट करवाए जाएंगे। जिला शिक्षा अधिकारियों ने कंपनियां हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। लुधियाना में डीईओ ने कंपनियों को 10 नवंबर तक प्रपोजल जमा करवाने को कहा है।
10वीं क्लास के बाद यानि 11 वीं क्लास में स्ट्रीम का सिलेक्शन सबसे महत्वपूर्ण होता है। स्ट्रीम सिलेक्शन ही बच्चे के करियर का निर्धारण करता है। रिटायर्ड प्रिंसिपल अनूप पासी का कहना है कि 10 क्लास में अगर बच्चे का आंकलन कर दिया जाए कि वह किस फील्ड के लिए परफेक्ट है तो उसे 11वीं क्लास में स्ट्रीम सिलेक्शन में दिक्कत नहीं आएगी।
एससीईआरटी के अधीन करवाए जा रहे हैं टेस्ट
छात्राओं के साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाने की जिम्मेदारी स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) को सौंपी गई है। इस टेस्ट के लिए सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को टेस्ट की राशि भेज दी गई है। पूरे पंजाब में 90 हजार के करीब छात्राओं का साइकोमेट्रिक टेस्ट किया जाएगा।
साइकोमेट्रिक टेस्ट क्या होता है
मनोविज्ञान पर आधारित यह एक ऐसा वैज्ञानिक परीक्षण होता है, जिसके जरिए किसी व्यक्ति की व्यक्तित्व, मानसिक क्षमता, रुचि, सोचने-समझने की क्षमता, भावनात्मक संतुलन और व्यवहारिक गुणों को परखा जाता है।
यह टेस्ट आमतौर पर दो मुख्य भागों में होता है –
एप्टीट्यूड टेस्ट : इससे यह जाना जाता है कि व्यक्ति में किसी विशेष क्षेत्र (जैसे विज्ञान, कला, गणित, प्रशासन आदि) में सफलता पाने की कितनी क्षमता है
पर्सनैलिटी टेस्ट : इससे व्यक्ति के स्वभाव, आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, निर्णय लेने की योग्यता और सामाजिक व्यवहार का मूल्यांकन किया जाता है।
टेस्ट का मकसद
छात्रों की करियर गाइडेंस में मदद करना।
यह पता लगाना कि स्टूडेंट का झुकाव किस विषय या पेशे की ओर है।
भावनात्मक और मानसिक हेल्थ को समझना।
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