अमृतसर. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने आज नॉर्थ जोनल काउंसिल (एनजेडसी) की 31वीं बैठक (31st meeting of the North Zonal Council) की मेजबानी की। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की, जबकि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ चंडीगढ़ के प्रशासक और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और दिल्ली के उपराज्यपाल भी पहुंचे हैं।

इस बीच सी.एम. मान ने बैठक में पंजाब में बाढ़ सहित 7 मुद्दे उठाए। उन्होंने बाढ़ का मुद्दे उठाते हुए कहा कि बाढ़ के समय पानी की मांग करने वाले राज्य ही पीछे हट गए। उन्होंने की बाढ़ के नियमों में बदलाव की मांग भी की। सी.एम. मान ने पंजाब यूनिवर्सिटी में हरियाणा के दखल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 50 सालों में आज तक तो ये डिमांड नहीं की। अब क्यों इन्हें पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन चाहिए। चंडीगढ़ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस पर हरियाणा का कोई हक नहीं है। चंडीगढ़ पंजाब के गांवो को उजाड़ कर बनाया गया है, पंजाब की राजधानी के दौर पर चंडीगढ़ का दर्जा बहाल हो।

सी.एम. मान ने कहा कि शानन पावर प्रोजेक्ट के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। मान ने हिमाचल की मांग का भी विरोध किया और कहा कि बिजली परियोजनाएं हिमाचल को देने का फैसला गलत होगा। उन्होंने कहा कि 1975 से 1982 के बीच पंजाब ने परियोजना का विस्तार किया और परियोजना की क्षमता 48 मेगावाट से बढ़कर 110 मेगावाट हो गई। इसके विपरीत कोई भी निर्णय पंजाब के लोगों के साथ अन्याय होगा।

सी.एम. मान ने बैठक में SYL का मुद्दा भी उठाया जो बेहद संवेदनशील है। कहा कि हमारे पास किसी भी राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। पानी के मुद्दे के कारण राज्य की कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है, जिसका असर हरियाणा और राजस्थान पर भी पड़ेगा। वर्तमान स्थिति में उपलब्ध पानी का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। SYL नहर बनाने का सवाल ही नहीं उठता। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज दोपहर 1.30 पर अमृतसर पहुंच गए थे। एयरपोर्ट पर पंजाब कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा और कुलदीप सिंह धालीवाल ने उनका स्वागत किया। इस दौरान बीजेपी के पंजाब प्रधान सुनील जाखड़, तरुण चुग, मनोरंजन कालिया, अश्वनी शर्मा आदि भी उनके स्वागत के लिए पहुंचे।