पंजाब में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ऐतिहासिक किलों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित (Punjab tourism promote) करेगी। सूबे के खेत, नदियां और हवेलियां बॉलीवुड व हॉलीवुड की फिल्मों में दिखेंगे, इसके लिए नई मनोरंजन और संस्कृति नीति बनाई जाएगी।

नई पॉलिसी में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने वालों को कुछ रियायतें भी दी जाएंगी। टूर प्रमोटर, इन्वेस्टर पंजाब को करीब से समझे इसके लिए सरकार 11 से 13 सितंबर तक मोहाली में पंजाब टूरिज्म समिट करवाएगी।

राज्य में रोजाना एक लाख से अधिक सैलानी घूमने के लिए आते हैं। इस सैलानियों में धार्मिक स्थानों से लेकर बॉर्डर टूरिज्म तक के लोग शामिल होते हैं। हालांकि, अब इस क्षेत्र में सरकार ने बारीकी से काम शुरू किया है। सूबे के पर्यटन स्थलों को सरकार ने विभिन्न हिस्सों में बांटा है। इसमें हेरिटेज सर्किट, बॉर्डर सर्किट, नेचर सर्किट, एडवेंचर व वाटर व इको टूरिज्म शामिल हैं। इनके अलावा राज्य के खाने और लोक संगीत का अपना जादू है। ऐसे सरकार मानकर चल रही है कि टूरिज्म समिट से सूबे के लिए काफी फायदा होगा। साथ ही इससे लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।


पंजाब के पर्यटन स्थलों में रुचि रखने वाले सैलानियों के लिए सरकार एक स्पेशल एप और वेबसाइट बनाने जा रही है। इसमें राज्य के हर पर्यटन स्थल के बारे में विस्तार से जानकारी रहेगी। उस इलाके के होटलों और परिवार तक की सुविधा के बारे में डिटेल रहेगी। इसके अलावा एप पर टूर के अनुमानित बजट के बारे में भी जानकारी रहेगी। विभाग द्वारा यह सारा कुछ एक महीने में पूरा किया जाएगा।


लुधियाना के पास स्थित मत्तेवाड़ा के जंगल अब इको टूरिज्म के गढ़ बनेंगे। वहां पर आठ जंगल हैं। इसके अलावा ढाई किलोमीटर का वाटर फ्रंट है। सरकार ने इसे संवारने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इससे पहले पर्यावरण प्रेमी भी मांग कर चुके हैं कि इस एरिया को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया।


पंजाब सरकार अमृतसर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करेगी। यह राजस्थान के उदयपुर, जयपुर और जोधपुर की तर्ज पर होगा। देश के दूसरे राज्यों में बड़े सिख और पंजाबी परिवारों पर फोकस करते हुए ऐसा किया जा रहा है। यहां पर पहले बड़े फाइव स्टार होटल हैं। वहीं, सरकार अब यहां कन्वेंशन सेंटर स्थापित करने जा रही है। इसके अलावा यहां पर यूनिटी पार्क स्थापित किया जा रहा है।